पद्मविभूषण गिरिजा देवी जी की स्मृति में 'पुष्पांजलि'

उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी, गोमती नगर, लखनऊ (संस्कृति विभाग, उ0प्र0) द्वारा सुविख्यात शास्त्रीय-उपशास्त्रीय गायिका पद्मविभूषण गिरिजा देवी जी की स्मृति में ‘‘पुष्पांजलि’’ शीर्षक से भव्य समारोह का आयोजन प्रदेश के विभिन्न शहरों में श्रृंखला के रूप में किए जाने के अंतर्गत दिनांक 23 अक्टूबर, 2021 को वाराणसी में, दिनांक 27 अक्टूबर, 2021 को प्रयागराज, एवं दिनांक 31 अक्टूबर,2021 को लखनऊ में सफलतापूर्वक किया गया।

इन कार्यक्रमों में पद्मविभूषण गिरिजा देवी जी की प्रमुख शिष्य-शिष्याओं एवं अन्य गायक कलाकारों ने अपनी-अपनी गायन कला का प्रदर्शन बहुत ही सराहनीय ढंग से किया जिसकी उपस्थित जन गणमान्य अतिथियों एवं जन समूह द्वारा प्रशंसा की गयी। कार्यक्रमों का विवरण निम्नवत है-


दिनांक- 23.10.2021
स्थान -रुद्राक्ष अंतरराष्ट्रीय कोऑपरेशन एवं कन्वेंशन सेन्टर, सिगरा, वाराणसी

उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ (संस्कृति विभाग, उ0प्र0) द्वारा सुविख्यात शास्त्रीय-उपशास्त्रीय गायिका पद्मविभूषण गिरिजा देवी जी की स्मृति में संगीत समारोह ‘‘पुष्पांजलि’’ शीर्षक से भव्य समारोह का आयोजन दिनांक 23.10.2021 को रुद्राक्ष प्रेक्षागृह, में सफलतापूर्वक किया गया। इस अवसर पर अकादमी सचिव, श्री तरुण राज ने अतिथियों का स्वागत करते हुए आयोजन एवं अकादमी की गतिविधियों के सम्बन्ध में विस्तार से विचार रखे एवं विदुषी गिरिजा देवी जी को पुष्पांजलि अर्पित की। ‘‘पुष्पांजलि’’ में आयोजित संगीत कार्यक्रमों में विदुषी गिरिजा देवी की प्रमुख  शिष्याओं - पद्मश्री मालिनी अवस्थी, लखनऊ, सुश्री मानसी मजूमदार, कोलकाता के गायन के साथ रामपुर सहसवान घराने के प्रसिद्ध गायक उस्ताद राशिद खां, कोलकाता ने भी अपने गायन से सुविख्यात गायिका पद्मविभूषण गिरिजा देवी को श्रद्धांजलि अर्पित की।


दिनांक  - 27.10.2021
स्थान - उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र प्रेक्षागृह सी.एस.पी. सिंह मार्ग, प्रयागराज

उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ (संस्कृति विभाग, उ0प्र0) द्वारा सुविख्यात शास्त्रीय-उपशास्त्रीय गायिका पद्मविभूषण गिरिजा देवी जी की स्मृति में संगीत समारोह ‘‘पुष्पांजलि’’ शीर्षक से भव्य समारोह का आयोजन दिनांक 27.10.2021 को उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र प्रेक्षागृह, प्रयागराज में सफलतापूर्वक किया गया।
इस अवसर पर अकादमी सचिव, श्री तरुण राज ने अतिथियों को स्वागत करते हुए आयोजन एवं अकादमी की गतिविधियों के सम्बन्ध में विस्तार से विचार रखे एवं विदुषी गिरिजा देवी जी को पुष्पांजलि अर्पित की। विशिष्ट अतिथि के रूप में सांस्कृतिक केन्द्र के निदेशक श्री सुरेश शर्मा ने कहा, विदुषी गिरिजा देवी की स्मृति में समारोह होना प्रयागराज के लिए सम्मान की बात है।
‘‘पुष्पांजलि’’ में आयोजित संगीत कार्यक्रम में राहुल रोहित मिश्रा, वाराणसी; रीता देव, आगरा एवं सुचरिता गुप्ता, वाराणसी ने अपने गायन प्रस्तुत कर विख्यात गायिका को श्रद्धांजलि अर्पित की।


दिनांक  - 31-10-2021
स्थान- उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी, गोमती नगर, लखनऊ

उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ (संस्कृति विभाग, उ0प्र0) द्वारा सुविख्यात शास्त्रीय-उपशास्त्रीय गायिका पद्मविभूषण गिरिजा देवी जी की स्मृति में संगीत समारोह ‘‘पुष्पांजलि’’ शीर्षक से भव्य समारोह का आयोजन दिनांक 31.10.2021 को संत गाडगे जी महाराज प्रेक्षागृह, लखनऊ में सफलतापूर्वक किया गया।
आरम्भ में अकादमी के सचिव तरुण राज ने स्वागत करते हुए आयोजन एवं अकादमी की गतिविधियों के सम्बन्ध में विस्तार से विचार रखे और इस श्रृंखला के अन्तर्गत वाराणसी एवं प्रयागराज में आयोजित हुए कार्यक्रमों की जानकारी दी और बताया कि इन कार्यक्रमों के सीधे प्रसारण से हजारों संगीतप्रेमी जुड़े हैं और इसका आनंद लिया है।
समारोह में अपने गुरू को याद करते हुए भावुक हो उठीं विदुषी गिरिजा देवी की प्रमुख शिष्या एवं सुपरिचित लोकगायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने कहा कि विभूतियों को याद करने से नई पीढ़ी के समक्ष नजीर प्रस्तुत होता है। गुरू के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तार से चर्चा करते पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने कहा कि भाग्यवान वे शिष्य शिष्याएं होते हैं जिन्हें उनकी तरह गुरू मिलते हैं।
‘पुष्पांजलि’ में हुए संगीत कार्यक्रमों में जहां विदुषी गिरिजा देवी की प्रमुख शिष्याओं-सुनंदा शर्मा (नई दिल्ली) एवं रूपान सरकार (देहरादून) ने सुरों से गुरू को नमन किया वहीं बनारस घराने के प्रतिनिधि गायक पंडित साजन मिश्र (नई दिल्ली) ने अपने पुत्र पंडित स्वरांश मिश्र के साथ गायन प्रस्तुत कर विख्यात गायिका को श्रद्धांजलि अर्पित की।
संगीत की नई पीढ़ी को मंच प्रदान करने के लिए समारोह में अकादमी की संगीत प्रतियोगिताओं के विजेताओं के कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। लखनऊ के आराध्य श्रीवास्तव ने राग-केदार में बड़ा एवं छोटा ख्याल तथा तराना सुनाया। कानपुर की वत्सला वाजपेयी ने राग-बागेश्री में ध्रुपद एवं खयाल के उपरांत गजल-मैं हवा हूं कहाँ वतन मेरा.. सुनाया। इस मौके पर अकादमी के कथक केंद्र की प्रदेश की महत्वपूर्ण विभिन्न प्रस्तुतियों में भाग लेने वाले प्रशिक्षकों एवं विद्यार्थियों को समारोह में पुरस्कृत किया गया।


दिनांक  - 20-02-2022
स्थान- योगिराज बाबा गंभीर नाथ प्रेक्षागृह, गोरखपुर

उ0प्र0 संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ (संस्कृति विभाग, उ0प्र0) द्वारा सुविख्यात शास्त्रीय-उपषास्त्रीय गायिका पद्मविभूषण विदुषी गिरिजा देवी जी की स्मृति में संगीत समारोह ‘‘पुष्पांजलि’’ शीर्षक से भव्य संगीत समारोह का आयोजन दिनांक 20.02.2022 को रामगढ़ ताल स्थित योगिराज बाबा गंभीर नाथ प्रेक्षागृह, गोरखपुर में सफलतापूर्वक किया गया।
‘पुष्पांजलि’ कार्यक्रम की शुरुआत दिल्ली के नितिन शर्मा ने राग पूरिया धनाश्री में गिरिजा देवी के गाए ठुमरी ‘सुमिरन कर मन राम नाम को’ से किया। डॉ0 शरद मणि त्रिपाठी ने राग काफी में मध्यकाल में भक्ति रचना ‘संतन के संग लाग रे’ प्रस्तुत करने के बाद राग किरवानी में एक ताल में निबद्ध ‘तोरे बिन मोहे कल ना पड़े’ प्रस्तुत किया।
पद्मश्री मालिनी अवस्थी, लखनऊ ने गोरखपुर से गहरा लगाव होने की वजह से दर्शकों का अभिवादन भोजपुरी में किया। उन्होंने सबसे पहले ठुमरी -मिश्र खमाज, दादरा- ‘सावरियाँ प्यारा रे मोरी गुइया’ प्रस्तुत किया। इसके बाद उन्होंने माहौल को बदलते हुए होली ‘रंग डारूंगी नंद के लालन पे’ गाया कार्यक्रम के अंत में उन्होंने चैती - ‘चढ़ल चैत चित लागे ना रामा’, भैरवी ‘दादरा नयन की मत मारो तलवरिया’ प्रस्तुत किया।


दिनांक  - 06-03-2022
स्थान- आनन्द स्वरूप ऑडिटोरियम, शारदा युनिवर्सिटी, नालेज पार्क-3 ग्रेटर नोएडा

उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ एवं संस्कृति विभाग, उ0प्र0 द्वारा सुविख्यात शास्त्रीय-उपशास्त्रीय गायिका पद्मविभूषण विदुषी गिरिजा देवी जी की स्मृति में ‘‘पुष्पांजलि’’ शीर्षक से भव्य संगीत समारोह का आयोजन दिनांक 06.03.2022 को आनन्द स्वरूप ऑडिटोरियम, शारदा युनिवर्सिटी, नालेज पार्क-3 ग्रेटर नोएडा, में सफलतापूर्वक किया गया।
इस अवसर पर सुश्री पिऊ मुखर्जी, कोलकाता, श्री सम्राट पंडित, कोलकाता, सुश्री अंजना नाथ, कोलकाता एवं श्री रीतेश एवं रजनीश मिश्रा, नई दिल्ली आदि कलाकारों ने अपने गायन से गज़ल साम्राज्ञी विदुषी गिरिजा देवी जी को श्रृद्धांजलि अर्पित की।


दिनांक  - 08-05-2022
स्थान- ऋषिकुल इण्टरनेशनल स्कूल, महावन-गोकुल, मथुरा

उ0प्र0संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ (संस्कृति विभाग, उ0प्र0) द्वारा दिनांक 08 मई, 2022 को ‘‘पुष्पांजलि’’ कार्यक्रम का आयोजन ऋषिकुल इण्टरनेशनल स्कूल, महावन-गोकुल, मथुरा में सफलतापूर्वक किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उ0प्र0 के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री माननीय श्री जयवीर सिंह जी, विशिष्ट अतिथि गोवर्धन विधायक माननीय मेघश्याम सिंह एवं विधायक कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। मा0 मंत्री जी ने कहा प्रदेश सरकार ब्रज क्षेत्र बुंदेलखण्ड की संस्कृति को बढ़ाने के लिए प्रयत्नशील है जिससे संस्कृति के अंश आगे आने वाली पीढ़ी को मिल सके। उन्होंने कहा आने वाले दिनों में ब्रज का बदला हुआ स्वरूप दिखाई देगा। इस अवसर पर पद्मविभूषण विदुषी गिरिजा देवी जी की जयन्ती के अवसर पर ‘पुष्पांजलि’ कार्यक्रम के अन्तर्गत पद्मश्री मालिनी अवस्थी, लखनऊ एवं आस्था गोस्वामी, मथुरा ने अपने गायन से गज़ल साम्राज्ञी विदुषी गिरिजा देवी को श्रृद्धांजलि अर्पित की।


दिनांक  - 27 जनवरी, 2023
स्थान- श्री नागरी नाटक मण्डली, कबीर रोड, वाराणसी

उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ (संस्कृति विभाग, उ0प्र0) द्वारा सुविख्यात शास्त्रीय-उपशास्त्रीय गायिका पद्मविभूषण गिरिजा देवी जी की स्मृति में संगीत समारोह ‘‘पुष्पांजलि’’ कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 27 जनवरी, 2023 को श्री नागरी नाटक मण्डली, कबीर रोड, वाराणसी में सफलतापूर्वक किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डाॅ0 राजेश्वर आचार्य ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। डाॅ0 आचार्य ने कहा गिरिजा देवी का जीवन साधना से सिद्धि का उदाहरण है उन्होंने पद्मविभूषण गिरिजा देवी के योगदान का स्मरण करते हुए उनकी यशकाया को प्रेरण पुंज बताया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरूआत अलंकृता राय, वाराणसी के राग मिश्र तिलंग में निबद्ध ठुमरी ‘‘अंखिया रसीली तोरे श्याम रे’’ से हुई। तत्पश्चात् पं0 देवाशीष डे, वाराणसी ने राग वसंत में विलंबित एकताल में निबद्ध बंदिश ‘‘शंकर हर जटाजूट’’ प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति में सानिया पाटणकर, पुणे ने गिरिजा देवी को समर्पित राग काफी में पस्तो ताल में टप्पा ‘‘आओ मियां जाने वाले’’ सुनाकर आमंत्रित अतिथियों को मंत्र मुग्ध किया।


दिनांक  - 08 फरवरी, 2023
स्थान- पं0 दीनदयाल उपाध्याय सभागार, झांसी

उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ द्वारा सुविख्यात शास्त्रीय-उपशास्त्रीय गायिका पद्मविभूषण गिरिजा देवी जी की स्मृति में संगीत समारोह ‘‘पुष्पांजलि’’ कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 08 फरवरी, 2023 को पं0 दीनदयाल उपाध्याय सभागार, झांसी में सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ0 धन्नू लाल गौतम एवं संस्कार भारती के प्रदेश महामंत्री नरेश अग्रवाल उपस्थित रहे। कार्यक्रम में शास्त्रीय गायक समीर भालेराव ने गिरिजा देवी जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए गायन के क्षेत्र में उनकी उपलब्धियों के बारे में बताया।

सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत सुश्री दिवाश्री, झाँसी ने राग बागेश्वरी में ‘कौन करत तोरी विनती पियरवा’ से की तत्पश्चात् कल्याणी श्रीवास्तव, झाँसी ने राग मिश्र खमाज में ‘अब न बजाओ श्याम बाँसुरिया एवं व्याकुल भई ब्रज वाम’ सुनाया। रामपुर के सखावत हुसैन ने राग पीलू में ‘मैं तो उन्हीं से खेलूँगी होली गुइयाँ’ तथा इन्दौर से आयीं शोभा चौधरी ने राग मारू बिहाग में ‘मोरे नयनवा तरस गए री’ और ‘निठुर पिया की बाट तकत’ की सफल प्रस्तुति दी।


दिनांक  - 24 मार्च, 2023
स्थान- नेताजी सुभाष चन्द्र बोस प्रेक्षागृह, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ

उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ (संस्कृति विभाग, उ0प्र0) द्वारा सुविख्यात शास्त्रीय-उपशास्त्रीय गायिका पद्मविभूषण गिरिजा देवी जी की स्मृति में संगीत समारोह ‘‘पुष्पांजलि’’ कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 24 मार्च, 2023 को नेताजी सुभाष चन्द्र बोस प्रेक्षागृह, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ में सफलतापूर्वक किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री राजेन्द्र अग्रवाल, मा0 सांसद, मेरठ ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। श्री राजेन्द्र अग्रवाल ने भारतीय संगीत की महान परम्परा को याद किया। इस अवसर पर बनारस घराने के पंडित साजन मिश्र ने पहले मेरठ के नौचंदी मेले व अन्य स्थानों से जुड़ी यादों को साझा करते हुए कहा कि मेरठ सैन्य छावनी है, इसे संगीत छावनी बना दीजिए इसके बाद मंच पर संगीत का उजियारा फैलने लगेगा।

सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरूआत में सबसे पहले पं0 साजन मिश्र ने राग मालकौस में... ‘‘जिनके मन राम बिराजे’’ विलंबित ताल में पेश किया, बाद में आकार की ताने लेकर अपनी साधना का परिचय दिया। तत्पश्चात अपने बड़े भाई दिवंगत पंडित राजन मिश्र को याद करते हुए टं्रक के हार्न से प्रेरित एक बंदिश.... ‘‘ आंगन आए बलमा को राग मालकौंस में पेश किया अंत में मिश्रित राग पर आधारित भजन... ‘‘चलो मन वृंदावन की ओर’ प्रस्तुत कर उपस्थित दर्शक मंत्र-मुग्ध हुए।


दिनांक  - 26 मार्च, 2023
स्थान- मर्चेन्ट्स चेम्बर, सिविल लाईन्स, कानपुर

उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ (संस्कृति विभाग, उ0प्र0) द्वारा सुविख्यात शास्त्रीय-उपशास्त्रीय गायिका पद्मविभूषण गिरिजा देवी जी की स्मृति में संगीत समारोह ‘‘पुष्पांजलि’’ कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 26 मार्च, 2023 को मर्चेन्ट्स चेम्बर, सिविल लाईन्स, कानपुर में सफलतापूर्वक किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि एमएलसी सलिल विश्नोई, ध्रुपद गायक पंडित विनोद कुमार द्विवेदी, राधेश्याम दीक्षित प्रमोद कुमार द्विवेदी एवं अकादमी निदेशक तरूण राज ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।

सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत कानपुर के युवा ध्रुपद गायक आयुष द्विवेदी ने राग झिंझोटी में पारंपरिक अलाप चारी तथा अपने पिता की विशेष रचना चतुरंग ‘‘पायल झंकार’’ प्रस्तुत की। तत्पश्चात् कलकत्ता ये आई इंद्राणी मुखर्जी ने बहुत सुन्दर ठुमरी प्रस्तुत की। कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति में पंडित धर्मनाथ मिश्रा ने खमाज़ में ठुमरी ‘थाडे रहो बाके श्याम’ और दादरा ‘‘सौतन घर ना जा’’ एवं अन्त में समापन चैती ‘‘चत लागे ना’’ से किया।जिसे उपस्थित दर्शको द्वारा बहुत सराहा गया।


दिनांक  - 27 मार्च, 2023
स्थान- अकादमी परिसर, लखनऊ

उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ (संस्कृति विभाग, उ0प्र0) द्वारा सुविख्यात शास्त्रीय-उपशास्त्रीय गायिका पद्मविभूषण गिरिजा देवी जी की स्मृति में संगीत समारोह ‘‘पुष्पांजलि’’ कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 27 मार्च, 2023 को अकादमी परिसर, लखनऊ में सफलतापूर्वक किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि पद्मश्री मालिनी अवस्थी, वरिष्ठ कथक कलाकार पूर्णिमा पाण्डेय, सहित अन्य संतीज्ञ व कलाकार उपस्थित रहे।

अकादमी के निदेशक तरूण राज ने पुष्पगुच्छ देकर मुख्य अतिथि का स्वागत किया और बताया कि अकादमी द्वारा विदुषी गिरिजा देवी जी को कई बार आमंत्रित किया था। यहां उन्होंने अपनी प्रस्तुति भी दी थी। अप्पा जी अकादमी की उपाध्यक्षा भी रही है।

मुख्य अतिथि प्रसिद्ध लोक गायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया और विश्व प्रसिद्ध ठुमरी गायिका गिरिजा देवी को याद करते हुए कहा कि वह प्रज्लवलित मान नक्षत्र की तरह जिन्होंने काशी के संगीत को पूरे विश्व में स्थापित किया, ऐसी महान विभूति का सम्मान करके उ.प्र. संगीत नाटक अकादमी खुद अपना सम्मान कर रही है। आज उनके सम्मान में कुछ कहा जाए तो दो घंटे कम पड़ेगे। ’सोन चिरैया’ हमारी संस्था उन्हीं के आशीर्वाद से बनी है। हमने उनसे कहा था कि ऐसी संस्था बनाना चाहते हैं कि जो भारत की लोक कलाओं को सामने ला सके । हम चाहते हैं कि आप उसकी अध्यक्षा बने। उन्होंने तुरंत सहमति दे दी। वह आजीवन अध्यक्षा रही है।

प्रसिद्ध लोक गायिका मालिनी ने कहा कि उत्तर प्रदेश एक से एक बढ़कर कलाकारों की जन्म भूमि रही है। एक से एक नगीने है। उन्हीं मे से एक है अप्पा जी। उन्होंने कहा संगीत नाटक अकादमी के निदेशक तरूण जी के लिए कहा कि उनका साथ हमारी स्मृतियां बहुत पुरानी है। उन्होंने कहा कि अप्पा जी के साथ-साथ प्रदेश के किशन महाराज, सितार देवी, लल्लू बाजपेयी, हरिप्रसाद चौरसियां के सम्मान में कार्यक्रम होना चाहिए। देह रहे न रहे उनका कार्य अमर है। यह नई पीढ़ी को बताना चाहिए।

सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरूआत वाराणसी से आए प्रियांशु घोष ने अपनी प्रस्तुति राग शिवरंजनी, विलम्बित एक ताल में सुनाया ’ ऐरी कांहे कूकूत बैरन.... इसके बाद द्रुत तीनताल में ’ कोयल बोले कू कू कू....। इसके अलावा उन्हें राग खमाज में टप्पा अद्धा त्रिताल मे ए मियां मैं ताने वारि जाऊं ’ सुनाया। तत्पश्चात नई दिल्ली से आए रीतेश -रजनीश मिश्रा ने अपनी पुष्पांजलि राग मधुकौंस में प्रस्तुत की। इसके अलावा उन्होंने भजन ’जननी मैं न जियूं बिन राम...गाया अन्त में मुंबई से आईं सुश्री अश्विनी भिड़े ने आजकल चल रहे चैत्र के महीने को देखते हुए चैती सुनाकर अप्पा जी को अपनी श्रद्धाजंलि अर्पित की।


दिनांक  - 12 दिसंबर 2023
स्थान- असि घाट वाराणसी

उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी लखनऊ, एवं संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा सुबह-ए-बनारस, वाराणसी के सहयोग से दिनांक 12 दिसंबर 2023 को पद्मविभूषण विदुषी गिरिजा देवी जी की स्मृति में असि घाट वाराणसी पर ‘‘पुष्पांजलि’’ संगीत समारोह का आयोजन सफलतापूर्वक किया गया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में पद्मश्री विदुषी गिरिजा देवी जी की प्रमुख शिष्या पद्मश्री मालिनी अवस्थी तथा अन्य अतिथिगण पद्मभूषण डॉ0 एन राजम, अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पद्मश्री डॉ राजेश्वर आचार्य, पूर्व कुलपति किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय पद्मश्री डॉ सरोज चूड़ामणि गोपाल, सुप्रसिद्ध कथक कलाकार पद्मश्री नलिनी एवं पद्मश्री कमलिनी जी तथा लंदन से पधारी आर्डर ऑफ ब्रिटिश एम्पायर से विभूषित भरतनाट्यम कलाकार डॉ0 गीता उपाध्याय, अकादमी पुरस्कार से अलंकृत डॉ विजय कपूर उ0प्र0 के पूर्व संस्कृति पर्यटन धर्मार्थ एवं प्रोटोकॉल मंत्री डॉ0 नीलकंठ तिवारी, डॉ रत्नेश वर्मा, पं0 प्रमोद मिश्र एवं डॉ0 वीरेंद्र प्रताप सिंह आदि उपस्थित रहे। अकादमी निदेशक डॉ0 शोभित कुमार नाहर द्वारा सभी अतिथियों का स्वागत करने के उपरान्त दीप प्रज्ज्वलन कर सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरूआत की।

इस अवसर पर डॉ नीलकंठ तिवारी ने विदुषी गिरिजा देवी जी के व्यक्तित्व को विशेषता, सहजता एवं शुद्धता से परिपूर्ण बताते हुए उनके जीवन को प्रेरक बताया। गिरिजा देवी जी की प्रिय शिष्या पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने अपनी गुरू का स्मरण करते हुए उनकी सांगीतिक वैविध्य का भी स्मरण किया और अपनी गुरू की स्मृति में आयोजन साकार करने के लिये संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह जी के मार्गदर्शन एवं प्रमुख सचिव, संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश सरकार के संरक्षण सहयोग के प्रति विशेष साधुवाद व्यक्त किया।

सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरूआत विश्वप्रसिद्ध वायलिन वादिका पद्मभूषण विदुषी डॉ0 एन.राजम तथा उनकी सुपुत्री एवं सुयोग्य शिष्या डॉ0 संगीता शंकर जी द्वारा युगल वायलिन वादन की संगति एवं बनारस घराने के लोकप्रिय वादक श्री अभिषेक मिश्र की तबला संगति के माध्यम से गायकी अंग में प्रस्तुत राग गोरख कल्याण में विलंवित एकताल में निबद्ध रचना से हुई। इसी क्रम में द्वितीय प्रस्तुति बनारस घराने के सुप्रसिद्ध गायक कलाकार पद्मभूषण पं साजन मिश्र एवं उनके सुपुत्र तथा सुयोग्य शिष्य श्री स्वरांश मिश्र जी ने युगल गायन राग मारु बिहाग में विलंबित एकताल में निबद्ध बन्दिश से बोल ‘‘सईया तोरे’’ द्वारा की। इसी क्रम में अगली रचना तीनताल में निबद्ध रसपूर्ण रही जिसके बोल थे ‘‘सघन वन बोले रे कोयलिया’’ थी। इनके साथ तबले पर श्री राजेश मिश्रा एवं संवादिनी पर साथ दिया पं धर्मनाथ मिश्र ने।

सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरूआत वाराणसी से आए प्रियांशु घोष ने अपनी प्रस्तुति राग शिवरंजनी, विलम्बित एक ताल में सुनाया ’ ऐरी कांहे कूकूत बैरन.... इसके बाद द्रुत तीनताल में ’ कोयल बोले कू कू कू....। इसके अलावा उन्हें राग खमाज में टप्पा अद्धा त्रिताल मे ए मियां मैं ताने वारि जाऊं ’ सुनाया। तत्पश्चात नई दिल्ली से आए रीतेश -रजनीश मिश्रा ने अपनी पुष्पांजलि राग मधुकौंस में प्रस्तुत की। इसके अलावा उन्होंने भजन ’जननी मैं न जियूं बिन राम...गाया अन्त में मुंबई से आईं सुश्री अश्विनी भिड़े ने आजकल चल रहे चैत्र के महीने को देखते हुए चैती सुनाकर अप्पा जी को अपनी श्रद्धाजंलि अर्पित की।