कथक केन्द्र - कार्यक्रम एवं कार्यशालाएं 2021-22

ग्रीष्म कालीन कथक कार्यशाला

उ0प्र0 संगीत नाटक अकादमी, के अन्तर्गत स्थापित कथक केन्द्र, लखनऊ द्वारा आयोजित कोविड-19 को दृष्टिगत रखते हुए दिनांक 01 जून से 29 जून, 2021 तक एक माह की निःशुल्क कथक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में लगभग 650 बच्चों ने प्रतिभाग किया, अकादमी द्वारा आयोजित कार्यशालाएं 8 पालियों में विभाजित कर संचालित की गई। इन कार्यशालाओं का संचालन कथक केन्द्र के निदेशक श्री तरूण राज के निर्देशन में कथक केन्द्र की प्रशिक्षकाओं सुश्री श्रुति शर्मा एवं सुश्री नीता जोशी द्वारा किया गया। इस कार्यशाला में 8 वर्ष से 56 वर्ष तक के अभ्यर्थियों को कथक के आगामी हस्तक, टुकड़े, परमेलू, परन, नटवरी, कवित्त, तिहाईयों के अतिरिक्त भावपक्ष ठुमरी, गज़ल, भजन एवं सूफी इत्यादि भाव सीखने का अवसर प्राप्त हुआ।

कथक पल्लव

दिनांक 30 जून, 2021 को उ0प्र0 संगीत नाटक अकादमी, के अन्तर्गत स्थापित कथक केन्द्र, लखनऊ द्वारा आयोजित कोविड-19 को दृष्टिगत रखते हुए दिनांक 01 जून से 30 जून तक एक माह की निःशुल्क कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में लगभग 650 बच्चों ने प्रतिभाग किया, अकादमी द्वारा आयोजित कार्यशालाएं 8 पालियों में विभाजित कर संचालित की गई। इन कार्यशालाओं का संचालन कथक केन्द्र के निदेशक श्री तरूण राज के निर्देशन में कथक केन्द्र की प्रशिक्षकाओं सुश्री श्रुति शर्मा एवं सुश्री नीता जोशी द्वारा किया गया। इस कार्यशाला में 8 वर्ष से 56 वर्ष तक के अभ्यर्थियों को कथक के आगामी हस्तक, टुकड़े, परमेलू, परन, नटवरी, कवित्त, तिहाईयों के अतिरिक्त भावपक्ष ठुमरी, गजल, भजन एवं सूफी इत्यादि भाव सीखने का अवसर प्राप्त हुआ।

कार्यशाला का समापन कार्यक्रम चौरी-चौरा शताब्दी वर्ष एवं आजादी के अमृत महोत्सव को यादगार बनाते हुये देशभक्ति कविताओं ‘‘स्व0 अटल बिहारी वाजपेई जी द्वारा रचित ‘‘कंठ-कंठ में एक राग है’’ एवं ‘‘माखन लाल चतुर्वेदी द्वारा रचित ‘पुष्प की अभिलाषा’ एवं चौरी-चौरा घटना पर आधारित गीतों को कथक नृत्य में पिरोकर देशभक्त वीरों को नमन अर्पित करते हुए कार्यक्रम का समापन किया गया।

वीर शहीदों को नमन

संस्कृति विभाग उ0प्र0 द्वारा ‘‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’’ एवं ‘‘चौरी-चौरा शताब्दी महोत्सव’’ आयोजन की श्रृंखला के अन्तर्गत दिनांक 09 अगस्त, 2021 को ‘काकोरी एक्शन’ थीम की वर्षगांठ पर बाजनगर, काकोरी में आयोजित कार्यक्रम में उ0प्र0 संगीत नाटक अकादमी द्वारा ‘काकोरी ट्रेन एक्शन थीम’ पर कथक केन्द्र की छात्राओं द्वारा ‘‘क्रांतिकारियों तुम्हें नमन’’ नृत्य नाटिका प्रस्तुत की। इस प्रस्तुति को  मा0 राज्यपाल महोदया सुश्री आनन्दीबेन पटेल द्वारा सराहा गया तथा उपस्थित जन समूह द्वारा भी प्रशंसा की गई। इस अवसर पर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री महोदय भी उपस्थित रहे।

इस कार्यक्रम को देखने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें:
https://youtu.be/n9PXHSn8fmg

शहीदों ने लौ जगाई जो

उ0प्र0 संगीत नाटक अकादमी, कथक केन्द्र लखनऊ द्वारा कोविड-19 की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए दिनांक 14 अगस्त, 2021 को ‘‘आज़ादी का अमृत महोत्सव एवं चौरी-चौरा शताब्दी महोत्सव’’ के अन्तर्गत स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगाँठ के अवसर पर देश की आज़ादी के लिए शहीद वीरों को समर्पित कथक नृत्य-नाटिका ‘‘शहीदों ने लौ जगाई जो’’ में कवि श्री सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘‘निराला’’, स्व0 उर्मिल कुमार थपलियाल एवं ‘‘श्री राम प्रसाद बिस्मिल’’ द्वारा रचित काव्यों का समावेश कथक नृत्य में पिरोकर किया गया, गोण्डा के आल्हा गायक सहीराम पांडेय और उनके साथियों ने अपने जोशीले स्वरों से स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का पुण्य स्मरण किया।

"आजादी के अमृत महोत्सव" एवं "चौरी-चौरा शताब्दी महोत्सव आयोजन" की श्रृंखला में उ0प्र0 संगीत नाटक अकादमी कथक केन्द्र की छात्राओं द्वारा दिनांक 09 अगस्तए 2021 को 'काकोरी ट्रेन एक्शन थीम' पर 'क्रांतिकारियों तुम्हें नमन' नृत्य नाटिका की प्रस्तुति की।

उ0प्र0 संगीत नाटक अकादमी, कथक केन्द्र लखनऊ द्वारा कोविड-19 की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए दिनांक 14 अगस्तए 2021 को "आज़ादी का अमृत महोत्सव" एवं "चौरी-चौरा शताब्दी महोत्सव" के अन्तर्गत स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगाँठ के अवसर पर देश की आज़ादी के लिए शहीद वीरों को समर्पित कथक नृत्य-नाटिका शहीदों ने लौ जगाई जो में कवि श्री सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला', स्व0 उर्मिल कुमार थपलियाल एवं श्री राम प्रसाद 'बिस्मिल' द्वारा रचित काव्यों का समावेश कथक नृत्य में पिरोकर किया गयाए गोण्डा के आल्हा गायक सहीराम पांडेय और उनके साथियों ने अपने जोशीले स्वरों से स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का पुण्य स्मरण किया।

आज़ादी का अमृत महोत्सव

उ0प्र0 संगीत नाटक अकादमी, कथक केन्द्र लखनऊ द्वारा, दिनांक 16 अगस्त, 2021 को ‘‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’’ एवं ‘‘चौरी-चौरा शताब्दी महोत्सव’’ आयोजन की श्रृंखला के अन्तर्गत भारत के स्वतंत्रता संग्राम में जहां वीर-वीरांगनाओं ने अपने प्राणों को न्यौछावर कर देश को आजादी दिलाने का महान कार्य किया वहीं कई लेखकों ने अपनी कलम से आज़ादी के आन्दोलन को एक नई शक्ति प्रदान की। इसी क्रम में सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी, माखनलाल चतुर्वेदी, सुमित्रानन्दन पंत आदि के साथ-साथ डॉ0 सुभद्रा कुमारी चौहान जी का नाम भी मुख्य है। सुभद्रा कुमारी चौहान जी ने झांसी की रानी के सम्पूर्ण जीवन कृत्य पर आधारित कविता ‘झांसी की रानी’ लिखकर, भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में झांसी की रानी के योगदान का बहुत ही खूबसूरत चित्रण किया है। इन्हीं की कविताओं पर आधारित कथक नृत्य नाटिका ‘‘मणिकर्णिका’’ की प्रस्तुति डॉ0 सुरभि शुक्ला के निर्देशन में उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र प्रेक्षागृह, प्रयागराज में की गई। इस नाटिका के अंत में आधुनिक भारत के लिए एक संदेश भी दिया गया है।

उ0प्र0 संगीत नाटक अकादमी, कथक केन्द्र लखनऊ द्वारा, दिनांक 16 अगस्तए 2021 को आज़ादी का "अमृत महोत्सव" एवं "चौरी-चौरा शताब्दी महोत्सव आयोजन" की श्रृंखला के अन्तर्गत डॉ0 सुभद्रा कुमारी चौहान की कविताओं पर आधारित कथक नृत्य नाटिका मणिकर्णिका की प्रस्तुति डॉ0 सुरभि शुक्ला के निर्देशन में उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र प्रेक्षागृह, प्रयागराज में की गई।

जश्न-ए-बहारा

‘‘जश्न-ए-बहारा’’- जी.एस.टी काउंसलिंग की 45वीं बैठक के अवसर पर उ0प्र0 संगीत नाटक अकादमी, कथक केन्द्र लखनऊ द्वारा दिनांक 16 सितम्बर, 2021 को होटल रेनेसा में ‘‘जश्न-ए-बहारा’’ कार्यक्रम की प्रस्तुति की गई। ‘‘जश्न-ए-बहारा बसंत उत्सव के अवसर पर आधारित एक नृत्य बैले है। बसंत को सभी ऋतुओं का राजा माना गया है भारतीय परम्परा के अनुसार बसंत को रति एवं कामदेव का पुत्र माना गया है। बसंत ऋतु के आगमन पर धरती के चारां ओर हरियाली छा जाती है। पेड़ों पर नए पत्ते आने लगते हैं, फूलों की सुगंध चारों ओर बिखर जाती है, कोयल कूकने लगती है और मानव हृदय उमंग और उत्साह से भर जाता है।

‘‘जश्न-ए-बहारां’’ को कथक नृत्यांगना डॉ0 सुरभि शुक्ला द्वारा कोरियोग्राफ किया गया, इस कार्यक्रम को संचालित करने में अकादमी सचिव श्री तरूण राज का विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रमुख कलाकार है- श्रुति शर्मा, रश्मि पाण्डे, शताक्षी मिश्रा, ओस स्वराज, प्रियम यादव, प्रिया बिष्ट, विधि जोशी, सृष्टि प्रताप, पाखी, शिवांगी बरवाल, अनन्त शक्तिका सिंह, केसर सिंह, अनन्या कृष्णा राज और मौसम कुमारी संगीत निर्देशन और गायन- श्री कमला कांत, गायन- ज्योतिशा सिंह, द्वारा किया गया, तबला एवं पढ़त- राजीव शुक्ला, सितार- डॉ0 नवीन कुमार मिश्रा और बांसुरी पर श्री दीपेन्द्र कुमार रहे। मेकअप- श्री शहीर और श्री सचिन द्वारा किया गया। कार्यक्रम सहयोग श्री अखिलेश यादव द्वारा किया गया। इस अवसर पर अकादमी द्वारा श्री देवेश चतुर्वेदी एवं साथियों का गज़ल गायन कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया।

टूरिज़्म कार्निवाल

विश्व पयर्टन दिवस के अवसर पर दिनांक 27 सितम्बर, 2021 को उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की ओर से तीन दिवसीय भव्य कार्यक्रम का आयोजन रिवर फ्रन्ट, गोमती नगर लखनऊ में किया गया। जिसमें अवधी ज़ायके के साथ-साथ उत्तर प्रदेश की लोक कलाओं ने टूरिज़्म कार्निवाल में चार चाँद लगा दिये।

इस अवसर पर उ0प्र0 संगीत नाटक अकादमी, कथक केन्द्र लखनऊ द्वारा सुश्री श्रुति शर्मा के निर्देशन में पं. बिन्दादीन महाराज द्वारा रचित ठुमरी व अमीर-खुसरो जी के सूफी कलाम पर आधारित कथक की यात्रा को ‘कथक आयाम’ में पिरोकर ‘कथक नृत्य नाटिका’ दुर्गा स्तुति, पारम्परिक नृत्य, पं0 को बहुत मनमोहक ढंग से प्रस्तुत किया गया।

‘रामायण - नमामि रामम्’

दिनांक 20 अक्टूबर, 2021 को उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी, कथक केन्द्र, लखनऊ द्वारा रामायण कॉन्क्लेव के अन्तर्गत सुश्री सुरभि शुक्ला के निर्देशन में कथक नृत्य संरचना ‘रामायण- नमामि रामम्* की प्रस्तुति की गयी।

इस अवसर पर कार्यक्रम में आये हुए अतिथियों का स्वागत करते हुए अकादमी सचिव श्री तरुण राज ने कहा- श्री राम का मर्यादित चरित्र मानव समाज के लिए आदर्श का प्रतीक है। भगवान श्रीराम को विष्णु का अवतार माना गया है। श्री राम जी ने सदैव कर्म की महत्ता को स्थापित किया तथा छोटे - बड़े, ऊंच - नीच के भेद को नकारते हुए शबरी के जूठे बेर खाए, केवट, निषाद राज, जटायु आदि को गले लगाया और प्रेम को सर्वोच्च मान्यता प्रदान की। श्री राम के बारे में कहा गया है, ‘रामहि केवल प्रेम पियारा’

‘‘जननी जन्म भूमिश्च "

उ0प्र0 संगीत नाटक अकादमी द्वारा दिनांक 26 अक्टूबर, 2021 को आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम श्रृंखला में लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की स्मृति के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय एकता सप्ताह के अन्तर्गत कथक केन्द्र, लखनऊ की कथक नृत्य नाटिका ‘‘जननी जन्म भूमिश्च ’’ शीर्षक से संत गाडगे जी महाराज प्रेक्षागृह, अकादमी परिसर में प्रस्तुतिकरण किया गया। इस प्रस्तुति में बंकिम चन्द्र चटर्जी की कविता ‘‘वन्दे मातरम्’’ एवं सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ की कविता ‘भारती जय विजय करे’ एवं मैथिलीशरण गुप्त की कविता ‘‘जय-जय भारत भूमि भारती’’ पर को शामिल किया गया। प्रस्तुतियों का नृत्य निर्देशन श्रुति शर्मा एवं नीता जोशी ने किया, नृत्य कलाकार-विधि जोशी, अन्तरा, अदिति जायसवान, पाखी सिंह, शिवांगी सिंह थीं, प्रस्तुति में संगीत व गायन-कमलाकान्त, तबला व पढ़न्त- राजीव शुक्ला, बांसुरी-अलका सिंह का रहा।

‘‘राम स्तुति’’

उ0प्र0संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ के अंतर्गत स्थापित कथक केन्द्र, की छात्राओं द्वारा दिनाँक 15 दिसम्बर, 2021 को चित्रकूट में आयोजित ‘‘हिन्दू एकता महाकुम्भ’’ में नृत्य संरचना ‘‘राम स्तुति’’ की प्रस्तुति की गई।

प्रस्तुत नृत्य संरचना ‘राम स्तुति’ में श्री राम के मर्यादित कृत्यों का बहुत सुंदर रूप से चित्रण किया गया है। जिसका निर्देशन - डॉ0 सुरभि शुक्ला द्वारा किया गया, इसमें भाग लेने वाले कलाकार हैं-डॉ. सुरभि शुक्ला, श्रुति शर्मा, नीता जोशी, प्रियम यादव, अदिति जायसवाल, विधि जोशी, अंतरा सिंह, डिम्पल वीरवानी, सताक्षी मिश्रा, समृद्धि मिश्रा, रश्मि पांडे, अनन्या कृष्ण राज, कुंजल। संगीत एवं गायन - श्री कमलाकांत, तबला एवं छंद संयोजन - श्री राजीव शुक्ला, पढ़ंत एवं सहलय वाद्य - श्री पार्थ प्रतिम मुखर्जी, सितार - डॉक्टर नवीन मिश्र. रूप सज्जा - श्री शहीर एवं साथी

‘‘विजय दिवस’’

उ0प्र0 संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ के अन्तर्गत स्थापित कथक केन्द्र, की छात्राओं द्वारा डा0 सुरभि शुक्ला के निर्देशन में दिनांक 16 दिसम्बर, 2021 को ‘विजय दिवस’ के अवसर पर ‘‘मणिकर्णिका’’ की प्रस्तुति बिठूर में की गई। इस नृत्य नाटिका के माध्यम से झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के योगदान को उकेरा गया है।

‘‘जश्न-ए-बहारा’’

उ0प्र0 संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ के अन्तर्गत स्थापित कथक केन्द्र, की छात्राओं द्वारा डा0 सुरभि शुक्ला के निर्देशन में दिनांक 17 दिसम्बर, 2021 को ‘जश्न-ए-बहारा’ कार्यक्रम की प्रस्तुति होटल रेनेसा में प्रस्तुत की गई। ‘‘जश्न-ए-बहारा’’ बसंत उत्सव के अवसर पर आधारित एक नृत्य बैले है। बसंत को सभी ऋतुओं का राजा माना गया है । बसंत ऋतु के आगमन पर धरती के चारों ओर हरियाली छा जाती है। पेड़ों पर नए पत्ते आने लगते हैं, फूलों की सुगंध चारों ओर बिखर जाती है, कोयल कूकने लगती है और मानव हृदय उमंग और उत्साह से भर जाता है।

इस आनन्द और उमंग की परिणिति होली के रंग भरे उत्साह की होती है। मानव जीवन उत्साह से भरकर ही आनन्द की प्राप्ति करता है। इस नृत्य नाटिका में प्रकृति के उपरोक्त रंगों को बहुत ही सुन्दर ढंग से प्रस्तुत किया गया है।

‘‘चौरी-चौरा थीम सांग’’

"आजादी का अमृत महोत्सव" एवं "चौरी-चौरा शताब्दी महोत्सव" की श्रृंखला के अंतर्गत प्रथम स्वतंत्रता संग्राम (सन् 1857) का स्मरणोत्सव, अमर शहीदों को नमन, आज़ादी की शौर्यगाथा पर संस्कृति एवं पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम के अंतर्गत दिनांक 20 दिसम्बर, 2021 को उ0प्र0संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ के अन्तर्गत स्थापित कथक केन्द्र, की छात्राओं द्वारा रेजीडेंसी, कैसरबाग में ‘‘चौरी-चौरा थीम सांग’’ पर माननीय मुख्यमंत्री के समक्ष नृत्य प्रस्तुति प्रस्तुति की गई।

नृत्य नाटिका

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 61वें प्रांतीय अधिवेशन के उपलक्ष्य में दिनांक 8.01.2022 को डॉ शकुंतला मिश्रा पुनर्वास विश्वविद्यालय में उ0प्र0 संगीत नाटक अकादमी के कथक केन्द्र, लखनऊ द्वारा ‘मणिकर्णिका’ नृत्य नाटिका आयोजित की गयी।

भारत के स्वतंत्रता संग्राम में जहां कई वीर-वीरांगनाओं ने अपने प्राणों को न्यौछावर कर देश को आजादी दिलाने का महान कार्य किया वही कई लेखकों ने अपनी कलम से आजादी के आंदोलन को शक्ति प्रदान की, इस क्रम में सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी, माखनलाल चतुर्वेदी, सुमित्रानंदन पंत आदि के साथ-साथ सुभद्रा कुमारी चौहान जी का नाम भी मुख्य है, सुभद्रा कुमारी चौहान जी ने झांसी की रानी के संपूर्ण जीवन कृत्य पर आधारित कविता ‘झांसी की रानी’ लिखकर, भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम मे झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के योगदान का बहुत ही खूबसूरत चित्रण किया है। इन्हीं की कविता पर आधारित है नृत्य नाटिका ‘मणिकर्णिका’। इस नृत्य नाटिका में झांसी की रानी का बचपन, उनका विवाह तथा वैधव्य के बाद रानी का अंग्रेजों से संघर्ष जैसी सभी घटनाओं को बहुत ही सुंदर ढंग से चित्रित किया गया है।

‘मणिकर्णिका’

‘‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’’ एवं ‘‘चौरी-चौरा शताब्दी महोत्सव’’ के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश दिवस के उद्घाटन के शुभ अवसर पर दिनांक 24 जनवरी, 2022 को इन्दिरा गाँधी प्रतिष्ठान, लखनऊ में उ0प्र0 संगीत नाटक अकादमी के कथक केन्द्र, लखनऊ द्वारा नृत्य नाटिका ‘मणिकर्णिका’ का प्रस्तुतिकरण किया गया।

भारत के स्वतंत्रता संग्राम में जहां कई वीर-वीरांगनाओं ने अपने प्राणों को न्यौछावर कर देश को आजादी दिलाने का महान कार्य किया वही कई लेखकों ने अपनी कलम से आजादी के आंदोलन को शक्ति प्रदान की, इस क्रम में सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी, माखनलाल चतुर्वेदी, सुमित्रानंदन पंत आदि के साथ-साथ सुभद्रा कुमारी चौहान जी का नाम भी मुख्य है, सुभद्रा कुमारी चौहान जी ने झांसी की रानी के संपूर्ण जीवन कृत्य पर आधारित कविता ‘झांसी की रानी’ लिखकर, भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम मे झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के योगदान का बहुत ही खूबसूरत चित्रण किया है। इन्हीं की कविता पर आधारित है नृत्य नाटिका ‘मणिकर्णिका’। इस नृत्य नाटिका में झांसी की रानी का बचपन, उनका विवाह तथा वैधव्य के बाद रानी का अंग्रेजों से संघर्ष जैसी सभी घटनाओं को बहुत ही सुंदर ढंग से चित्रित किया गया है।

‘नृत्यांजलि’

उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ (संस्कृति विभाग, उ0प्र0) द्वारा दिनांक 05 फरवरी, 2022 को बसंत पंचमी के अवसर पर पदमविभूषण पं0 बिरजू महाराज जी की स्मृति में ‘‘नृत्यांजलि’’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें उ0प्र0 संगीत नाटक अकादमी के कथक केंद्र के कलाकारों ने कथक नृत्य के जरिये उन्हें नमन किया। कार्यक्रम में अतिथि के रूप में संगीत नाटक अकादमी की पूर्व अध्यक्षा डॉ पूर्णिमा पांडे व पं0 बिरजू महाराज जी की शिष्या रेनू शर्मा उपस्थित रही। अकादमी सचिव तरुण राज ने अतिथियों सहित दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर अकादमी सचिव तरुण राज ने कहा कि पं0 बिरजू महाराज जी का जन्म बसंत पंचमी को हुआ था। हम आज बसंत पंचमी पर उनके जन्मदिवस पर उन्हें याद कर रहे हैं। उनकी स्मृतियों को साझा करते हुए कहा कि पहली बार मद्रास में वर्ष 1985 के दौरान पहली भेंट हुई। इसके बाद मेरी रंगमंच यात्रा के दौरान उनसे नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा नई दिल्ली में भेंट हुई। उन्होंने मुझे खुद के साथ शामिल कर कथक सीखने की सलाह दी थी। डॉ पूर्णिमा पांडे ने कहा कि जिस श्रेणी के कलाकार पं0 बिरजू महाराज थे, उस श्रेणी के कलाकार बार-बार सदियों में जन्म नहीं लेते हैं। कार्यक्रम में उमा त्रिगुनायत और रेनू शर्मा ने भी पं बिरजू महाराज के प्रति अपने श्रद्धासुमन अर्पित किये।

कार्यक्रम की शुरुआत कलाकारों ने पदमविभूषण पं बिरजू महाराज जी की लिखी रचना गुरू वंदना की मनमोहक प्रस्तुति से की, राग भूपाली और ताल कहरवा में ढली वंदना में कलाकारों ने गुरू के बताए मार्ग पर चलकर लक्ष्य तक पहुंचने के संदेश को प्रदर्शित किया। अंत में कथक केन्द्र के कलाकारों ने महाराज जी द्वारा रचित तराना जो - राग कलावती व ताल-तीनताल व एकताल में निबद्ध है, प्रस्तुत किया।