प्रकाशन 2023-24

अकादमी द्वारा दिनांक 02 अगस्त 2023 को अकादमी द्वारा प्रकाशित पत्रिका ‘‘छायानट का विमोचन एवं पुतुल प्रदर्शन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर पद्मश्री डॉ0 विद्याविंदु सिंह उपस्थित रहीं इसके अतिरिक्त वरिष्ठ रंगकर्मी श्री सूर्यमोहन कुलश्रेष्ठ, मेराज आलम, लोकगायिका पद्मा गिडवानी तथा छायानट सम्पादक श्री राजवीर रतन व डॉ0 करूणा पाण्डे उपस्थित रही। पुतुल कला विशेषांक का विमोचन करते हुए पद्मश्री डॉ0 विद्याविंदु सिंह ने कहा कि कठपुतली कला लोकमानस में छुपी सहज कलाओं का निचोड़ है। इसका अद्भुत लालित्य बच्चे-बूढे और वयस्क सभी को आकर्षित करता है। आज जरूरत पुतुल कला ही नहीं अपितु अपनी सभी लोक कलाओं को सहेजने-संवारने की है। इस दिशा में काम हो रहा है, परंतु निरंतरता के साथ इसे स्तरीय ढंग से करना होगा। अकादमी ने समकालीन संदर्भ में पुतुल कला पर विशेषांक निकालकर अभिलेखीकरण का सराहनीय कार्य किया है। लोक कलाओं पर ऐसे ही गम्भीर कार्य निरंतर चलने चाहिए।

अकादमी के निदेशक तरुण राज ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि छायानट पांचवें दशक में चल रही है अकादमी की पत्रिका के कई अंक अत्यंत चर्चित रहे हैं। पुतल कला का यह अंक पुतुल कला की गिनी-चुनी एकल पुतुल विधाओं में से एक अवध अंचल की गुलाबो-सिताबो पर केन्द्रित है। अंक में विश्व के पुतुल प्रयोगों के साथ ही देश के अनेक अंचलों में प्रचलित दस्ताना पुतुल, धागा पुतुल, छड़ पुतुल व छाया पुतुल के विभिन्न पहलुओं को समेटा गया है। तत्पश्चात् कठपुतली नाटक ‘गुलाबो-सिताबो’ एवं ‘केवल जिम्मेदारी’ और का हुआ प्रदर्शन किया गया जिसे जन-समूह द्वारा अत्यन्त सराहा गया।