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पद्मविभूषण गिरिजा देवी जी की स्मृति में 'पुष्पांजलि' - 2022-23


दिनांक  - 08-05-2022
स्थान- ऋषिकुल इण्टरनेशनल स्कूल, महावन-गोकुल, मथुरा

उ0प्र0संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ (संस्कृति विभाग, उ0प्र0) द्वारा दिनांक 08 मई, 2022 को ‘‘पुष्पांजलि’’ कार्यक्रम का आयोजन ऋषिकुल इण्टरनेशनल स्कूल, महावन-गोकुल, मथुरा में सफलतापूर्वक किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उ0प्र0 के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री माननीय श्री जयवीर सिंह जी, विशिष्ट अतिथि गोवर्धन विधायक माननीय मेघश्याम सिंह एवं विधायक कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। मा0 मंत्री जी ने कहा प्रदेश सरकार ब्रज क्षेत्र बुंदेलखण्ड की संस्कृति को बढ़ाने के लिए प्रयत्नशील है जिससे संस्कृति के अंश आगे आने वाली पीढ़ी को मिल सके। उन्होंने कहा आने वाले दिनों में ब्रज का बदला हुआ स्वरूप दिखाई देगा। इस अवसर पर पद्मविभूषण विदुषी गिरिजा देवी जी की जयन्ती के अवसर पर ‘पुष्पांजलि’ कार्यक्रम के अन्तर्गत पद्मश्री मालिनी अवस्थी, लखनऊ एवं आस्था गोस्वामी, मथुरा ने अपने गायन से गज़ल साम्राज्ञी विदुषी गिरिजा देवी को श्रृद्धांजलि अर्पित की।


दिनांक  - 27 जनवरी, 2023
स्थान- श्री नागरी नाटक मण्डली, कबीर रोड, वाराणसी

उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ (संस्कृति विभाग, उ0प्र0) द्वारा सुविख्यात शास्त्रीय-उपशास्त्रीय गायिका पद्मविभूषण गिरिजा देवी जी की स्मृति में संगीत समारोह ‘‘पुष्पांजलि’’ कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 27 जनवरी, 2023 को श्री नागरी नाटक मण्डली, कबीर रोड, वाराणसी में सफलतापूर्वक किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डाॅ0 राजेश्वर आचार्य ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। डाॅ0 आचार्य ने कहा गिरिजा देवी का जीवन साधना से सिद्धि का उदाहरण है उन्होंने पद्मविभूषण गिरिजा देवी के योगदान का स्मरण करते हुए उनकी यशकाया को प्रेरण पुंज बताया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरूआत अलंकृता राय, वाराणसी के राग मिश्र तिलंग में निबद्ध ठुमरी ‘‘अंखिया रसीली तोरे श्याम रे’’ से हुई। तत्पश्चात् पं0 देवाशीष डे, वाराणसी ने राग वसंत में विलंबित एकताल में निबद्ध बंदिश ‘‘शंकर हर जटाजूट’’ प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति में सानिया पाटणकर, पुणे ने गिरिजा देवी को समर्पित राग काफी में पस्तो ताल में टप्पा ‘‘आओ मियां जाने वाले’’ सुनाकर आमंत्रित अतिथियों को मंत्र मुग्ध किया।


दिनांक  - 08 फरवरी, 2023
स्थान- पं0 दीनदयाल उपाध्याय सभागार, झांसी

उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ द्वारा सुविख्यात शास्त्रीय-उपशास्त्रीय गायिका पद्मविभूषण गिरिजा देवी जी की स्मृति में संगीत समारोह ‘‘पुष्पांजलि’’ कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 08 फरवरी, 2023 को पं0 दीनदयाल उपाध्याय सभागार, झांसी में सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ0 धन्नू लाल गौतम एवं संस्कार भारती के प्रदेश महामंत्री नरेश अग्रवाल उपस्थित रहे। कार्यक्रम में शास्त्रीय गायक समीर भालेराव ने गिरिजा देवी जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए गायन के क्षेत्र में उनकी उपलब्धियों के बारे में बताया।

सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत सुश्री दिवाश्री, झाँसी ने राग बागेश्वरी में ‘कौन करत तोरी विनती पियरवा’ से की तत्पश्चात् कल्याणी श्रीवास्तव, झाँसी ने राग मिश्र खमाज में ‘अब न बजाओ श्याम बाँसुरिया एवं व्याकुल भई ब्रज वाम’ सुनाया। रामपुर के सखावत हुसैन ने राग पीलू में ‘मैं तो उन्हीं से खेलूँगी होली गुइयाँ’ तथा इन्दौर से आयीं शोभा चौधरी ने राग मारू बिहाग में ‘मोरे नयनवा तरस गए री’ और ‘निठुर पिया की बाट तकत’ की सफल प्रस्तुति दी।


दिनांक  - 24 मार्च, 2023
स्थान- नेताजी सुभाष चन्द्र बोस प्रेक्षागृह, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ

उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ (संस्कृति विभाग, उ0प्र0) द्वारा सुविख्यात शास्त्रीय-उपशास्त्रीय गायिका पद्मविभूषण गिरिजा देवी जी की स्मृति में संगीत समारोह ‘‘पुष्पांजलि’’ कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 24 मार्च, 2023 को नेताजी सुभाष चन्द्र बोस प्रेक्षागृह, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ में सफलतापूर्वक किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री राजेन्द्र अग्रवाल, मा0 सांसद, मेरठ ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। श्री राजेन्द्र अग्रवाल ने भारतीय संगीत की महान परम्परा को याद किया। इस अवसर पर बनारस घराने के पंडित साजन मिश्र ने पहले मेरठ के नौचंदी मेले व अन्य स्थानों से जुड़ी यादों को साझा करते हुए कहा कि मेरठ सैन्य छावनी है, इसे संगीत छावनी बना दीजिए इसके बाद मंच पर संगीत का उजियारा फैलने लगेगा।

सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरूआत में सबसे पहले पं0 साजन मिश्र ने राग मालकौस में... ‘‘जिनके मन राम बिराजे’’ विलंबित ताल में पेश किया, बाद में आकार की ताने लेकर अपनी साधना का परिचय दिया। तत्पश्चात अपने बड़े भाई दिवंगत पंडित राजन मिश्र को याद करते हुए टं्रक के हार्न से प्रेरित एक बंदिश.... ‘‘ आंगन आए बलमा को राग मालकौंस में पेश किया अंत में मिश्रित राग पर आधारित भजन... ‘‘चलो मन वृंदावन की ओर’ प्रस्तुत कर उपस्थित दर्शक मंत्र-मुग्ध हुए।


दिनांक  - 26 मार्च, 2023
स्थान- मर्चेन्ट्स चेम्बर, सिविल लाईन्स, कानपुर

उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ (संस्कृति विभाग, उ0प्र0) द्वारा सुविख्यात शास्त्रीय-उपशास्त्रीय गायिका पद्मविभूषण गिरिजा देवी जी की स्मृति में संगीत समारोह ‘‘पुष्पांजलि’’ कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 26 मार्च, 2023 को मर्चेन्ट्स चेम्बर, सिविल लाईन्स, कानपुर में सफलतापूर्वक किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि एमएलसी सलिल विश्नोई, ध्रुपद गायक पंडित विनोद कुमार द्विवेदी, राधेश्याम दीक्षित प्रमोद कुमार द्विवेदी एवं अकादमी निदेशक तरूण राज ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।

सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत कानपुर के युवा ध्रुपद गायक आयुष द्विवेदी ने राग झिंझोटी में पारंपरिक अलाप चारी तथा अपने पिता की विशेष रचना चतुरंग ‘‘पायल झंकार’’ प्रस्तुत की। तत्पश्चात् कलकत्ता ये आई इंद्राणी मुखर्जी ने बहुत सुन्दर ठुमरी प्रस्तुत की। कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति में पंडित धर्मनाथ मिश्रा ने खमाज़ में ठुमरी ‘थाडे रहो बाके श्याम’ और दादरा ‘‘सौतन घर ना जा’’ एवं अन्त में समापन चैती ‘‘चत लागे ना’’ से किया।जिसे उपस्थित दर्शको द्वारा बहुत सराहा गया।


दिनांक  - 27 मार्च, 2023
स्थान- अकादमी परिसर, लखनऊ

उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ (संस्कृति विभाग, उ0प्र0) द्वारा सुविख्यात शास्त्रीय-उपशास्त्रीय गायिका पद्मविभूषण गिरिजा देवी जी की स्मृति में संगीत समारोह ‘‘पुष्पांजलि’’ कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 27 मार्च, 2023 को अकादमी परिसर, लखनऊ में सफलतापूर्वक किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि पद्मश्री मालिनी अवस्थी, वरिष्ठ कथक कलाकार पूर्णिमा पाण्डेय, सहित अन्य संतीज्ञ व कलाकार उपस्थित रहे।

अकादमी के निदेशक तरूण राज ने पुष्पगुच्छ देकर मुख्य अतिथि का स्वागत किया और बताया कि अकादमी द्वारा विदुषी गिरिजा देवी जी को कई बार आमंत्रित किया था। यहां उन्होंने अपनी प्रस्तुति भी दी थी। अप्पा जी अकादमी की उपाध्यक्षा भी रही है।

मुख्य अतिथि प्रसिद्ध लोक गायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया और विश्व प्रसिद्ध ठुमरी गायिका गिरिजा देवी को याद करते हुए कहा कि वह प्रज्लवलित मान नक्षत्र की तरह जिन्होंने काशी के संगीत को पूरे विश्व में स्थापित किया, ऐसी महान विभूति का सम्मान करके उ.प्र. संगीत नाटक अकादमी खुद अपना सम्मान कर रही है। आज उनके सम्मान में कुछ कहा जाए तो दो घंटे कम पड़ेगे। ’सोन चिरैया’ हमारी संस्था उन्हीं के आशीर्वाद से बनी है। हमने उनसे कहा था कि ऐसी संस्था बनाना चाहते हैं कि जो भारत की लोक कलाओं को सामने ला सके । हम चाहते हैं कि आप उसकी अध्यक्षा बने। उन्होंने तुरंत सहमति दे दी। वह आजीवन अध्यक्षा रही है।

प्रसिद्ध लोक गायिका मालिनी ने कहा कि उत्तर प्रदेश एक से एक बढ़कर कलाकारों की जन्म भूमि रही है। एक से एक नगीने है। उन्हीं मे से एक है अप्पा जी। उन्होंने कहा संगीत नाटक अकादमी के निदेशक तरूण जी के लिए कहा कि उनका साथ हमारी स्मृतियां बहुत पुरानी है। उन्होंने कहा कि अप्पा जी के साथ-साथ प्रदेश के किशन महाराज, सितार देवी, लल्लू बाजपेयी, हरिप्रसाद चौरसियां के सम्मान में कार्यक्रम होना चाहिए। देह रहे न रहे उनका कार्य अमर है। यह नई पीढ़ी को बताना चाहिए।

सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरूआत वाराणसी से आए प्रियांशु घोष ने अपनी प्रस्तुति राग शिवरंजनी, विलम्बित एक ताल में सुनाया ’ ऐरी कांहे कूकूत बैरन.... इसके बाद द्रुत तीनताल में ’ कोयल बोले कू कू कू....। इसके अलावा उन्हें राग खमाज में टप्पा अद्धा त्रिताल मे ए मियां मैं ताने वारि जाऊं ’ सुनाया। तत्पश्चात नई दिल्ली से आए रीतेश -रजनीश मिश्रा ने अपनी पुष्पांजलि राग मधुकौंस में प्रस्तुत की। इसके अलावा उन्होंने भजन ’जननी मैं न जियूं बिन राम...गाया अन्त में मुंबई से आईं सुश्री अश्विनी भिड़े ने आजकल चल रहे चैत्र के महीने को देखते हुए चैती सुनाकर अप्पा जी को अपनी श्रद्धाजंलि अर्पित की।