अन्य कार्यक्रम 2021-22
श्री रामचरितमानस गान एवं प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं
उ0प्र0 संगीत नाटक अकादमी (संस्कृति विभाग,उ0प्र0) द्वारा ‘‘रामायण कान्क्लेव’’ के अन्तर्गत श्री रामचरितमानस गान एवं प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन 29 अगस्त, 2021 से 01 नवम्बर, 2021, तक प्रदेश के निम्नलिखित स्थानों पर सफलतापूर्वक सम्पन्न किया गया- अयोध्या, गोरखपुर, वाराणसी, विन्ध्यांचल, चित्रकूट, गाज़ियाबाद, मथुरा, गढ़मुक्तेश्वर, बरेली, लखनऊ, अयोध्या। श्री रामचरितमानस गान एवं प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन सर्वप्रथम अयोध्या में हुआ, क्षेत्रीय स्तर पर आयोजित प्रतियोगिता में 1110 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
इसी क्रम में अन्य 11 स्थानों पर श्रीरामचरित मानस गान एवं प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया तत्पश्चात 11 सम्भागों में क्षेत्रीय स्तर पर श्री रामचरितमानस गान एवं प्रश्नोत्तरी सम्भागीय प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय आये प्रतिभागियों को दिनांक 01.11.2021 को अयोध्या में प्रादेशिक प्रतियोगिता हेतु आमंत्रित किया गया। जिसमें प्रादेशिक प्रतियोगिता में एक प्रथम आए प्रतिभागी को 10,000/-रुपये एक द्वितीय प्रतिभागी को 7,000/-एवं एक तृतीय स्थान प्राप्त प्रतिभागी रुपए 5,000/-की धनराशि प्रदान की गई तथा 3 सांत्वना पुरस्कार प्रतिभागियों को रुपए 1,000/ से पुरस्कृत किया गया।
पद्मविभूषण पं0 बिरजू महाराज सम्मान अपर्ण
उत्तर प्रदेश नाटक अकादमी, लखनऊ (संस्कृति विभाग, उ0प्र0) द्वारा दिनांक 24.11.2021 को कथक सम्राट एवं गुरू पद्मविभूषण पं0 बिरजू महाराज जी का सम्मान अपर्ण किया गया। आयोजित समारोह में संस्कृति, पर्यटन एवं धर्मार्थ कार्य राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ0 नीलकंठ तिवारी ने पद्मश्री मालिनी अवस्थी, संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव श्री मुकेश मेश्राम, प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना शाश्वती सेन एवं अकादमी सचिव श्री तरूण राज की उपस्थिति में शाल ओढ़ाकर एवं स्मृति चिन्ह भेंटकर पं0 बिरजू महाराज जी को सम्मानित किया। इस अवसर पर माननीय मंत्री जी ने कहा कि कोरोना के संकट को पूरे विश्व ने झेला है, इस संकट से पर्यटन व्यवसाय पर भी बुरा असर पड़ा, लेकिन इसमे सबसे ज्यादा कलाकारों को बहुत मुश्किल उठानी पड़ी है। एक कलाकार को मंच चाहिए कलाकार जब तक मंच पर नहीं आता उसे संतुष्टि नहीं मिलती, और कहा कि संस्कृति विभाग द्वारा कलाकारों को मंच प्रदान करने के लिए अनवरत् कार्यक्रम कराए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंडित बिरजू महाराज सभी कलाकारों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं, हम प्रार्थना करते हैं कि उन्हें लम्बी आयु मिले और वे लम्बे समय तक हम सबके बीच रहें।
इस अवसर पर पंडित बिरजू महाराज जी ने अपने जीवन के महत्वपूर्ण पलों को दर्शकों के साथ साझा किया और श्रोताओं के अनुरोध पर भक्ति रचना और ठुमरी सुनाकर प्रसंशकों को भाव-विभोर कर दिया।
अकादमी द्वारा आयोजित कार्यक्रम के आरंभ में आर्यव आनन्द ने एकल कथक नृत्य प्रस्तुत किया एवं कथक केन्द्र की छात्राओं द्वारा डॉ0 सुरभि सुरभि शुक्ला के निर्देशन में ‘‘नमामि राममं" की सुन्दर नाट्य प्रस्तुति प्रस्तुत की।
‘‘राग रंग’’
संस्कृति विभाग,(उ0प्र0), धर्मार्थ कार्य विभाग,(उ0प्र0), संगीत नाटक अकादमी, दिल्ली, ज़िला प्रशासन, वाराणसी एवं उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में श्रीकाशी विश्वनाथ धाम यात्रा के अन्तर्गत ‘शास्त्रीय संगीत के विभिन्न घरानों का सम्मेलन’ ‘‘राग रंग’’ का भव्य आयोेजन दिनांक 05 जनवरी से 07 जनवरी, 2022 तक ‘पद्मविभूषण गिरिजा देवी सांस्कृतिक संकुल, चौका घाट, वाराणसी’ में किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों का विवरण निम्नवत हैः-
दिनांक 05 जनवरी, 2022
कार्यक्रम कलाकार: हिन्दुस्तानी एवं कर्नाटक गायन विदुषी मीता पंडित एवं विदुषी सुधा रघुरामन, दिल्ली; तबला जुगलबंदी: पं0 अनिन्दो चटर्जी, पं0 अनुब्रत चटर्जी कोलकाता; गायन: पं0 साजन मिश्र एवं पं0 स्वरांश मिश्र, दिल्ली; बांसुरी एवं संतूर वादन: पं0 रोनू मजूमदार, मुम्बई, पं0 तरुण भट्टाचार्य, कोलकाता,
दिनांक 06 जनवरी, 2022
गायन: डॉ0 शिवानी शुक्ला, वाराणसी; गायन: पं0 जयतीर्थ मेवुंडी, धारवाड़; मोहन वीणा: पद्मभूषण प0 विश्वमोहन भट्ट, जयपुर; गायन: पद्मश्री मालिनी अवस्थी, लखनऊ; कर्नाटक वाद्यवृंद: पद्मश्री पं0 येल्ला वेंकटेश्वर राव, तेलांगना
दिनांक 07 जनवरी, 2022
शहनाई एवं वायलिन जुगलबंदी: पं0 राजेन्द्र प्रसन्ना, दिल्ली एवं विदुषी कला रामनाथ, मुम्बई; गायन: पद्मश्री उ0 राशिद खान, कोलाकाता; सितार वादन: पं0 निलाद्रि कुमार, मुम्बई
दिनांक 08 मार्च, 2022
उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी एवं संस्कृति विभाग द्वारा दिनांक 08 मार्च, 2022 को महिला दिवस के अवसर पर स्वाधीनता आंदोलन में महिलाओं की भूमिका विषयक ऑन लाइन व्याख्यान का आयोजन किया गया, जिसमें वरिष्ठ पत्रकार व लेखिका डॉ0 वंदना मिश्रा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आजादी के स्वाधीनता संग्राम में महिलाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि दरअसल हमारी आजादी की लड़ाई जिसे अंग्रेजों ने गदर कहा, जो हम लोगों के लिए भारत की आजादी का मुक्ति संग्राम था। 1857 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने वाजिद अली शाह को नकारा घोषित कर, हटा कर कोलकाता भेज दिया, उस समय हमारे देश में साक्षरता व जागरूकता नहीं थी, राजनीतिक समझ नहीं थी। लेकिन इसके विपरीत जब हम वीरांगनाओं की भूमिका को देखते हैं। चाहे वो रानी लक्ष्मी बाई रहीं हों, चाहे उदादेवी हों या बेगम हजरत महल रहीं हों। इन्होंने जिस सूझबूझ और बहादुरी से अंग्रेजों का मुकाबला किया था। उसे इतिहास में रेखांकित करने वाली बात है, इसे अंग्रेजों ने भी स्वीकारा। उस दौर की किताबों में इस बात का जिक्र है। डॉ0 वंदना मिश्रा से वार्ताकार के रूप में पत्रकार सुश्री दुर्गा शर्मा मौजूद रहीं।
दिनांक 27 मार्च, 2022
दिनांक 27.03.2022 को पर्यटन विभाग, उ0प्र0, संस्कृति विभाग, उ0प्र0 एवं उ0प्र0संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ द्वारा तीन दिवसीय ‘वाजिद अली शाह अवध महोत्सव’ का आगाज हुआ।
तीन दिवसीय के इस महोत्सव की शुरुआत प्रातः 6ः00 बजे से हैरिटेज वॉक से हुई। जिसमें लखनऊ शहर के लोग शामिल हुए। इतिहासकार रवि भट्ट ने शामिल लोगों को सांस्कृतिक धरोहरों से जुड़े अवधी परंपरा के किस्से सुनाये। अमीरुदौला लाइब्रेरी, सफेद बारादरी, परीखाना और सआदत अली खां के मकबरे का इतिहास बताया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में अपर मुख्य सचिव श्री अनिल कुमार भी शामिल हुए।
अपराह्न में ज्योति किरन रतन के संचालन में मो. नौशाद द्वारा पारम्परिक कठपुतली का प्रदर्शन किया गया। बच्चों और युवाओं ने अवधी गीतों पर नृत्य प्रस्तुति एवं अवध के पारम्परिक वेशभूषा पर आधारित प्रदर्शन भी किया गया।
सांय 5ः00 बजे से फरूवाही नृत्य का आयोजन किया गया जिसमें अयोध्या के कलाकार विजय यादव ने लोकनृत्य के माध्यम से भगवान सिया राम की गाथा का वर्णन किया। अवधी घराने के शहनाई वादन के कलाकार गुलाम मोहम्मद एवं साथियों ने अपने वादन से महोत्सव की रौनक बढ़ाई।
सायं 6ः00 बजे महोत्सव का उद्घाटन लोक गायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी, पूर्व मुख्य सचिव देवेंद्र चौधरी, प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम संस्कृति एवं पर्यटन एवं संगीत नाटक अकादमी सचिव तरुण राज ने दीप प्रज्जवलित कर किया।
मुकेश मेश्राम ने कहा कि संस्कृति का लोकतंत्रीकरण करने की दिशा में संस्कृति-पर्यटन विभाग अग्रसर है। लोक संस्कृति के सरंक्षण के लिए शोध अनुदान शुरु हुआ है। मुख्य अतिथि लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने कहा कि कला संस्कृति का बेजोड़ संगम है यह अवध महोत्सव। संस्कृति को गढ़ना सरकार का नहीं, हम सबका कार्य है। पहली हमारी जिम्मेदारी है कि हम उसके सरंक्षण-संवर्धन के लिए आगे आएं।
महोत्सव के उद्घाटन की शाम की शुरूआत रामपुर घराने के गायक सखावत हुसैन एवं साथी ने गज़ल गायन, कुलतार सिंह एवं साथी, लखनऊ सुगम गायन, मिर्जापुर की लोक गायिका पदमश्री अजिता श्रीवास्तव एवं साथी, कजरी गायन, राईजिंग मलंग धर्मशाला हि.प्र. के कलाकारों ने सूफी गायन तथा वाराणसी के विशाल कृष्णा एवं साथियों ने कथक नृत्य की सुन्दर प्रस्तुति देकर अपनी कला का प्रर्दशन किया।
दिनांक 28 मार्च, 2022
अवध महोत्सव की दूसरी संध्या- दिनांक 28.03.2022 को पर्यटन विभाग, उ0प्र0, संस्कृति विभाग,उ0प्र0 एवं उ0प्र0संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ द्वारा ‘वाजिद अली शाह अवध महोत्सव’ सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।
अपराह्न में ज्योति किरन रतन के संचालन में अवधी लोक गीतों पर नृत्य, कहानी पाठ एवं लेखन, अवधी व्यंजन, गायन, अवधी वाद्य यंत्रों की प्रतियोगिता का आयोजन किया जिसमें बच्चों, युवाओं ने उत्साह दिखाते हुए अवध के पारम्परिक खान-पान को बनाकर पेश किया और उन व्यंजनों के बारे में जानकारी दी। कठपुतली कलाकार नौशाद ने पारम्परिक कठपुतली का प्रदर्शन किया और लोगों को कठपुतली की विधा से रूबरू कराया।
अकादमी परिसर में सजे विभिन्न प्रकार के अवधी व्यंजन और हस्तशिल्प प्रदर्शनी में अलग-अलग जगह से आये हस्तशिल्प कलाकारों द्वारा सजाये गए हस्तशिल्प लोगों को बहुत पसंद आये।
सायं 5:00 बजे से फरूवाही नृत्य का आयोजन किया गया जिसमें अयोध्या के कलाकार विजय यादव एवं साथियों ने फरूवाही लोक नृत्य का प्रदर्शन कर बच्चों और युवाओं को उत्साहित किया।
सायं 6:00 बजे महोत्सव का उद्घाटन मुख्य अतिथि अपर मुख्य सचिव अनिल कुमार, विशिष्ट अतिथि आर.बी.आई. के जनरल मैनेजर अविनाश चन्द्र व संगीत नाटक अकादमी के सचिव तरुण राज ने दीप प्रज्वलित कर किया।
महोत्सव की शाम की शुरुआत लखनऊ की लोक गायिका कविता सिंह एवं साथियों ने अवधी लोकगीत, जौनपुर से फौजदार सिंह एवं साथी, आल्हा गायन, मध्यप्रदेश के कलाकार प्रहलाद सिंह टिपानिया एवं साथियों ने कबीर गायन, कथक केन्द्र लखनऊ के कलाकारों ने कथक नृत्य-नाटिका रंग-ए-अवध तथा नौटंकी प्रशिक्षण केन्द्र, कानपुर के कलाकारों द्वारा नौटंकी ‘अमर सिंह राठौर’ की सफलतापूर्वक प्रस्तुति दी।
दिनांक 29 मार्च, 2022
अवध महोत्सव की तीसरी शाम- दिनांक 29.03.2022 को पर्यटन विभाग, उ0प्र0, संस्कृति विभाग,उ0प्र0 एवं उ0प्र0संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ द्वारा ‘वाजिद अली शाह अवध महोत्सव’ सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।
अपराह्न में ज्योति किरन रतन के संचालन में बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें प्रतिभागियों ने नृत्य, लोक गायन, लोक नृत्य, आदि प्रस्तुति दिखाई। इस विषय पर चित्रकला, काव्य पाठ एवं किस्सागोई का भी आयोजन किया गया।
सायं 5:00 बजे अयोध्या से पधारे फरूवाही लोक नर्तक दल ने अपने नृत्य का सफल प्रदर्शन किया।
आज के अवध महोत्सव में कठपुतली उत्सव का भी आयोजन किया गया। इस कठपुतली उत्सव में लखनऊ के कलाकार मेराज आलम एवं साथियों ने कठपुतली के माध्यम से ‘शहीद ऊधम सिंह’ के स्वतंत्रता आंदोलन में किये गये संघर्ष को बताया। शाहजहांपुर के कप्तान सिंह कर्णधार एवं साथियों ने ऐतिहासिक काकोरी ट्रेन एक्शन घटना के किस्से को बखूबी पेश किया। वाराणसी के राजेंद्र कुमार श्रीवास्तव एवं साथियों ने जय सुभाष कठपुतली प्रस्तुति में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के देश के प्रति किये गये संघर्षों को बयां किया।
सायं 6:00 बजे महोत्सव का उद्घाटन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पर्यटन-संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह, विशिष्ट अतिथि पद्मश्री राज बिसारिया, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश मेश्राम एवं संगीत नाटक अकादमी के सचिव तरुण राज ने दीप प्रज्जवलित कर किया।
महोत्सव की तीसरी शाम की शुरुआत लखनऊ के कलाकार कमाल खान एवं साथियों ने भजन गायन, गोण्डा से शिवपूजन शुक्ल एवं साथियों ने अवधी संस्कार गीत, मुम्बई की सोमा घोष एवं साथियों ने ठुमरी व दादरा, दिल्ली से गौरी दिवाकर एवं साथियों ने कथक नृत्य नाटिका ‘‘मुग्धा’’ एवं कार्यक्रम के आखिर में मुम्बई से अल्ताफ राजा एवं साथियों ने कव्वाली गायन से लोगों को आनंदित किया।