बेगम अख्तर स्मृति समारोह ‘यादें’ 2022-23

‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के अंतर्गत उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ (संस्कृति विभाग, उ0प्र0) द्वारा दिनांक 30 अक्टूबर, 2022 को ग़ज़ल साम्राज्ञी पद्मभूषण बेगम अख्तर की स्मृति में यादें कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पूर्व मुख्य सचिव देवेन्द्र चौधरी, विशेष सचिव मुख्यमंत्री कुमार हर्ष, पूर्व अध्यक्ष डॉ0 पूर्णिमा पांडे, ग़ज़ल गायक उस्ताद युगांतर सिंदूर एवं अकादमी सचिव तरूण राज ने ग़ज़ल साम्राज्ञी पद्मभूषण बेगम अख्तर को पुष्पांजलि अर्पित करते हुए दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। देवेंद्र चौधरी जी ने अपने संबोधन में बेगम साहिबा जी को याद करते हुए उनके जीवन पर प्रकाश डाला और संगीत नाटक अकादमी को बधाई देते हुए कहा की इस कार्यक्रम के आयोजन ने बेगम साहिबा की यादों को ताजा किया।

कार्यक्रम की शुरूआत में डॉ.रागेश्वरी दास (कोलकाता) ने ग़ज़ल साम्राज्ञी पद्मभूषण बेगम अख्तर की चुनिंदा रचनाओं को सुनाकर शाम को यादगार बना दिया। बेगम अख्तर जितनी सुंदरता से ग़ज़ल सुनाती थी उतनी ही दक्षता से उन्होंने भजन भी गाए हैं। डॉ.रागेश्वरी ने उस मखमली आवाज का जादू “जब से श्याम सिधारे तड़प तड़प जिया जाए” सुनाकर पेश किया। उसमें ठुमरी अंदाज का बोल-बनाव सुनते ही बना। ‘मल्लिका-ए-ग़ज़ल’ बेग़म अख़्तर की गायी कोयलिया मत कर पुकार करेजा लगे कटार, ग़ज़ल “ऐ मुहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया”, “जब भी नजम ए मयकदा”, “दूर हैं मंजिल राहें मुश्किल आलम है तन्हाई का”, एवं “सुंदर साड़ी मोरी” जैसी कई रचनाओं को सुनाया।