प्रकाशन 2020-21

प्रदेश की सांस्कृतिक परम्पराओं के समुचित एवं सर्वागीण विकास परिरक्षण एवं उन्नयन की दृष्टि से अकादमी द्वारा संगीत, नृत्य एवं नाट्य कलाओं से सम्बन्धित दुर्लभ पुस्तकों के प्रकाशन का कार्य वर्ष 1976 से प्रारम्भ किया गया जिसके अन्तर्गत उद्यतन 25 ग्रंथ प्रकाशित किये जा चुके है, जो शोध विद्यार्थियों के लिए अत्यन्त उपादेय हैं। अकादमी द्वारा संगीत नृत्य एवं नाट्य पर आधारित त्रैमासिक पत्रिका 'छायानट' का प्रकाशन भी वर्ष 1976 से निरन्तर किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में 'छायानट' के तीन अंक 155-156 (संयुक्तांक) तथा अंक 159 प्रकाशित हुए। 'छायानट' के अन्तर्गत जिन विशेषांकों का प्रकाशन किया गया है उनमें भीष्म साहनी, प्रो.सत्यमूर्ति, पारसी रंगमंच लक्ष्मी नारायण मिश्र, कुंभ, योग, कथक, पं. रामनारायण मणि त्रिपाठी 'सरसरंग' पर प्रकाशित अंक तथा रजत जयंती अंक शामिल हैं। 'छायानट' के अब तक 167 अंक प्रकाशित हो चुके है।

"छायानट" का विमोचनः उ0प्र0 संगीत नाटक अकादमी के अंतर्गत दिनांक 17 जनवरी, 2021 को पद्मविभूषण गिरिजा देवी पर आधारित अकादमी की त्रैमासिक पत्रिका "छायानट" का विमोचन एवं गायन कार्यक्रम वाराणसी में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मा0 संस्कृति डाॅ0 नीलकंठ तिवारी मौजूद रहे। इस अवसर पर पद्मश्री मालिनी अवस्थी एवं राहुल रोहित मिश्रा के गायन द्वारा पद्मविभूषण गिरिजा देवी को स्वरांजलि अर्पित की गई।

अकादमी द्वारा प्रकाशन योजना के अन्तर्गत निम्नलिखित ग्रंथों / पुस्तकों को प्रकाशित किया गया 


  1. सारंगी - डाॅ. सरेशव्रत

  2. आगाहश्र और नाटक - अब्दुल कुद्दूस नैरंग

  3. बनी - नवाब वाजिद अली शाह

  4. नाजो - नवाब वाजिद अली शाह

  5. गढ़वाली लोकगीत - डाॅ. शिवानन्द नौटियाल

  6. चन्दन चैक - डाॅ. विद्यानिवास मिश्र

  7. कुमाउँनी लोकगीत - मोहन उप्रेती

  8. कौरवी लोकगीत - डाॅ. सत्य गुप्ता

  9. अदिवासी लोकगीत - उमाकान्त त्रिपाठी

  10. कजरी - डाॅ. शान्ति जैन

  11. तराना संग्रह - पं. कृष्ण नारायण तैलंग

  12. संगीत-रामायण बालकाण्ड - पं0 रामश्रय झा 'रामरंग'

  13. गीत समूह - डाॅ. प्रो. जी.एन.नातू

  14. बुंदेलखंड की फागें - अयोध्या प्रसाद गुप्त ‘कुमुद’

  15. लोक नाट्य नौटंकी - रवीन्द्र नाथ बहोरे-विजय पंडित

  16. बुन्देली लोकगीत - वासुदेव गोस्वामी

  17. बृज लोकगीत - राजेन्द्र रंजन चतुर्वेदी

  18. याद-ए-राहत अली - नित्यानन्द मैठाणी