कथक केन्द्र, लखनऊ

शास्त्रीय नृत्यों में कथक का विशिष्ट स्थान है। उत्तर प्रदेश में कथक के दो महत्वपूर्ण घराने-लखनऊ और बनारस है। उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के अन्तर्गत लखनऊ कथक घराने के प्रचार-प्रसार, उन्नयन एवं प्रशिक्षण हेतु वर्ष 1972 में कथक केन्द्र, लखनऊ की स्थापना की गई। लखनऊ घराने के नृत्याचार्य गुरु लच्छू महाराज को गुरु-शिष्य परम्परा पर आधारित कथक प्रशिक्षण हेतु प्रारम्भ में संचालक के रूप में नियुक्त किया गया। इलाहाबाद के हंडिया तहसील के ईश्वरी प्रसाद के जिन वंशजों ने अवध के नवाबों के दरबार में आकर कथक का प्रचार-प्रसार किया, पं.लच्छू महाराज उसी परिवार से आते हैं। वे पं.कालका महाराज के बेटे थे। पं.लच्छू महाराज फिल्मों में नृत्य निर्देशन के लिए लखनऊ से मुंबई चले गए थे, और उन्होंने 'मुगल-ए-आजम', 'छोटी छोटी बात' और 'पाकीज़ा' जैसी फिल्मों में नृत्य निर्देशन रहे। कथक केन्द्र के संचालन के लिए वे फिर लखनऊ आए।

कथक केन्द्र, लखनऊ ने अनुभवी शिक्षक मंडल के साथ विगत 48 वर्षों में अनेक प्रतिभाशाली कलाकार नृत्य जगत को दिए हैं। कथक केन्द्र द्वारा प्रतिवर्ष कथक समारोहों,नृत्य संध्याओं तथा ग्रीष्मकालीन कथक कार्यशालाओं का आयोजन भी सम्पन्न किया जाता है। लच्छू महाराज की स्मृति में आयोजित होने वाले 'नमन समारोह' में प्रदेश एवं देश के विख्यात कलाकार जुटते हैं और अपनी नृत्य कला का प्रदर्शन करते हैं

प्रशिक्षण उद्देश्य

  • कथक नृत्य के शिक्षार्थियों में नृत्य अभिरूचि सृजित करने एवं नृत्य के सूक्ष्मतम अंगों के गहन प्रशिक्षण के द्वारा उनको विधिवत प्रशिक्षित करना।
  • नव-शिक्षार्थियों को कथक नृत्य के प्रयोगात्मक एवं शास्त्र पक्ष का वास्तविक बोध कराना।
  • कथक नृत्य की विशुद्व पद्वति के आधार पर प्रदर्श-योग्यता का परिमार्जन एवं मंच प्रदर्शन की क्षमता में अभिवृद्वि करना।

 

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