शास्त्रीय संगीत प्रतियोगिता 2023-24 download form

योगी आदित्यनाथ
माननीय मुख्यमंत्री,
उत्तर प्रदेश

श्री जयवीर सिंह
माननीय संस्कृति मंत्री,
उत्तर प्रदेश

श्री मुकेश कुमार मेश्राम (आई.ए.एस.)
प्रमुख सचिव,
संस्कृति विभाग, उ.प्र.

डॉ0 शोभित कुमार नाहर
निदेशक,
उ.प्र.संगीत नाटक अकादमी

योगी आदित्यनाथ
माननीय मुख्यमंत्री,
उत्तर प्रदेश

श्री जयवीर सिंह
माननीय संस्कृति मंत्री,
उत्तर प्रदेश

प्रो. जयन्त खोत
अध्यक्ष,
उ.प्र.संगीत नाटक अकादमी

श्री मुकेश कुमार मेश्राम (आई.ए.एस.)
प्रमुख सचिव,
संस्कृति विभाग, उ.प्र.

श्रीमती विभा सिंह
उपाध्यक्ष,
उ.प्र.संगीत नाटक अकादमी

डॉ0 शोभित कुमार नाहर
निदेशक,
उ.प्र.संगीत नाटक अकादमी

योगी आदित्यनाथ
माननीय मुख्यमंत्री,
उत्तर प्रदेश

श्री जयवीर सिंह
माननीय संस्कृति मंत्री,
उत्तर प्रदेश

पदमश्री डॉ. राजेश्वर आचार्य
अध्यक्ष,
उ.प्र.संगीत नाटक अकादमी

योगी आदित्यनाथ
माननीय मुख्यमंत्री,
उत्तर प्रदेश

श्री जयवीर सिंह
माननीय संस्कृति मंत्री,
उत्तर प्रदेश

पदमश्री डॉ. राजेश्वर आचार्य
अध्यक्ष,
उ.प्र.संगीत नाटक अकादमी

योगी आदित्यनाथ
माननीय मुख्यमंत्री,
उत्तर प्रदेश

श्री जयवीर सिंह
माननीय संस्कृति मंत्री,
उत्तर प्रदेश

पदमश्री डॉ. राजेश्वर आचार्य
अध्यक्ष,
उ.प्र.संगीत नाटक अकादमी

डॉ0 शोभित कुमार नाहर
निदेशक,
उ.प्र.संगीत नाटक अकादमी

डॉ0 शोभित कुमार नाहर
निदेशक,
उ.प्र.संगीत नाटक अकादमी

योगी आदित्यनाथ
माननीय मुख्यमंत्री,
उत्तर प्रदेश

श्री जयवीर सिंह
माननीय संस्कृति मंत्री,
उत्तर प्रदेश

डॉ0 शोभित कुमार नाहर
निदेशक,
उ.प्र.संगीत नाटक अकादमी

योगी आदित्यनाथ
माननीय मुख्यमंत्री,
उत्तर प्रदेश

श्री जयवीर सिंह
माननीय संस्कृति मंत्री,
उत्तर प्रदेश

पदमश्री डॉ. राजेश्वर आचार्य
अध्यक्ष,
उ.प्र.संगीत नाटक अकादमी
माननीया राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी के उत्तर प्रदेश आगमन पर उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी द्वारा दिनांक 12 फरवरी, 2023 को नागरिक अभिनंदन कार्यक्रम के अवसर पर स्वागत गीत की प्रस्तुति।
अपकमिंग प्रोग्राम
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अकादमी स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित ‘‘धरोहर’’ कार्यक्रमगायनः विदुषी कौशिकी चक्रवर्ती, कोलकाता
दिनांकः 20 नवम्बर, 2023, समयः सायं 06:00
स्थानः संत गाडगेजी महाराज प्रेक्षागृह, विपिन खण्ड गोमती नगर, लखनऊ
टिकट Book My Show पर उपलब्ध है।

माननीया राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी के उत्तर प्रदेश आगमन पर उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी द्वारा दिनांक 12 फरवरी, 2023 को नागरिक अभिनंदन कार्यक्रम के अवसर पर स्वागत गीत की प्रस्तुति।
माननीया राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी के उत्तर प्रदेश आगमन पर उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी द्वारा दिनांक 12 फरवरी, 2023 को नागरिक अभिनंदन कार्यक्रम के अवसर पर स्वागत गीत की प्रस्तुति।
अपकमिंग प्रोग्राम
माननीया राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी के उत्तर प्रदेश आगमन पर उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी द्वारा दिनांक 12 फरवरी, 2023 को नागरिक अभिनंदन कार्यक्रम के अवसर पर स्वागत गीत की प्रस्तुति।
अपकमिंग प्रोग्राम
उ.प्र. संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ
(संस्कृति विभाग, उ०प्र०)
द्वारा स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित
धरोहर कार्यक्रम
सरोद वादन - पद्मविभूषण उस्ताद अमज़द अली खान
दिनाँक - 13 नवम्बर, 2024
सायं - 05:30
स्थान- संत गाडगेजी महाराज प्रेक्षागृह, अकादमी परिसर, विपिन खण्ड, गोमती नगर, लखनऊ।
आप सादर आमंत्रित हैं।
टिकट bookmyshow पर उपलब्ध
टिकट दर – रु. 50/– एवं रु. 20/–
https://in.bookmyshow.com/specials/dharohar/ET00417875?webview=true
कला की विविध परंपराओं की दृष्टि से उत्तर प्रदेश अत्यन्त समृद्ध है। राज्य में संगीत, नृत्य एवं नाट्य कला को समन्वित करने और उसका विकास करने के लिए 13 नवम्बर 1963 को उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी की स्थापना की गई थी, जो आधी शती से अधिक अपनी लंबी यात्रा में संगीत, नृत्य, नाटक, लोकसंगीत एवं लोकनाट्य की परम्पराओं के प्रचार-प्रसार संवर्धन एवं परिरक्षण का महत्वपूर्ण कार्य कर रही है। अकादमी ने जहां कलाओं और कलाकारों के प्रोत्साहन एवं संरक्षण का दायित्व निभाया है, उनका अभिलेखीकरण किया है, वहीं नई प्रतिभाओं को पहचान कर उन्हें कलाप्रेमियों के सामने लाने का कार्य भी किया गया है, जो कलाओं की परंपरा को बचाए रखने के लिए आवश्यक है। अपनी स्थापना के समय से ही अकादमी का प्रयास रहा है कि उसकी योजनाओं से न सिर्फ कला परंपराओं का संरक्षण होता रहे बल्कि उनके कलाकारों को भविष्य की चुनौतियों से टकराने का साहस और आत्मविश्वास भी मिलता रहे।
प्रदेश की प्रदर्शनकारी कलाओं के उन्नयन, प्रचार एवं परिरक्षण हेतु प्रदेश सरकार ने जब इसकी स्थापना की थी तब इसे उत्तर प्रदेश नाट्य भारती का नाम दिया गया था, जिसे 02 सितम्बर 1969 में उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी का वर्तमान नाम मिला। अकादमी ने यह दायित्व हमेशा से निभाया है कि सीमित संसाधनों के बावजूद प्रदेश की पारम्परिक प्रदर्शनकारी कलाओं के संवर्धन, परिवर्धन एवं परिरक्षण के क्षेत्र में सतत कार्य लगातार चलता रहे। अकादमी ने प्रदेश की विलुप्त होती कलाओं को बढ़ावा देते हुए दूरदराज़ के क्षेत्रों से उन कलाकारों को, जो समय तथा परिस्थिति के साथ अपनी सांस्कृतिक धरोहर से दूर हो गए है, खोजकर लाने तथा उन्हे मंच प्रदान करने का लगातार प्रयास भी किया है। अकादमी का मुख्य उद्देश्य प्रदेश की संगीत, नृत्य एवं नाटक की परम्पराओं को प्रोत्साहन देना, प्रचार प्रसार करना है । अपने 57 वर्षों में अकादमी की कोशिश रही है कि अपने मूल उद्देश्यों की पूर्ति की दिशा में हमेशा क्रियाशील रहे। इसके लिए तरह-तरह की योजनाएं, कार्यक्रम, गतिविधियां को नियमित रूप से सम्पन्न कराया जाता है। अवध संध्या, सम्भागीय नाट्य समारोह, शास्त्रीय संगीत प्रतियोगिता, नाट्य प्रशिक्षण कार्यशालाएं, रसमंच, अकादमी स्थापना दिवस 'धरोहर', ग़ज़ल साम्राज्ञी बेगम अख्तर की स्मृति में 'यादें' इनमें प्रमुख हैं।
