नमन 2023-24
उ0प्र0 संगीत नाटक अकादमी एवं कथक केन्द्र, लखनऊ द्वारा कथक केन्द्र के संस्थापक, निदेशक एवं कथक सम्राट कथकाचार्य पं.लच्छू महाराज जी की जयंती के अवसर पर कथक के लास्य अंग पर आधारित दो दिवसीय कार्यक्रम “नमन” दिनांक 31 अगस्त और 01 सितम्बर, 23 संत गाडगे जी महाराज प्रेक्षागृह में आयोजित किया गया।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरूआत कथक केन्द्र, लखनऊ की कथक प्रशिक्षिका नीता जोशी के नृत्य निर्देशन में कथक संरचनाएं ‘नृत्याभिनय’ के अंतर्गत पद संचालन, तैयारी के साथ-साथ अभिनय और लास्य को प्रभावी रूप से पेश किया। इस प्रस्तुति में “काहे रोकत डगर प्यारे नंदलाल मेरो” और “मोसे करत रार बर जोरी श्याम” पर सुन्दर प्रस्तुति दी। इस क्रम में कथक केन्द्र की प्रशिक्षिका रजनी वर्मा के निर्देशन में गुरु नमन की प्रस्तुति भी हुई जिसमें उन्होंने “नमोस्तुते गुरुवे तस्मै इष्टदेव स्वरूपिणे”, “त्वमेव माता च पिता त्वमेव”, “अखण्डमण्डलाकारं व्याप्तं येन चराचरम” पर मनभावन प्रस्तुतियां दी।
इसी क्रम में लखनऊ की कलाकार एकता मिश्रा ने एकल नृत्य की प्रस्तुतियां एवं भगवान विष्णु की वंदना “शान्ताकारं” के बाद पारंपरिक कथक के तहत आमद उठान की तैयारी का प्रभावी प्रदर्शन किया तथा गुरु पं.अर्जुन मिश्रा की रचना जिसमें छह तालों में आधारित तेज आमद को पेश किया कान्हा से मिलन पर आधारित अभिसारिका नायिका के भावों के सशक्त प्रदर्शन के बाद उन्होंने ठुमरी “मोहे छेड़ो न नंद के सुनहु छैल” पर कथक के भावों का प्रदर्शन किया।
तत्पश्चात विश्वदीप, दिल्ली एवं उनके दल द्वारा सबसे पहले कवित्व पर आधारित कालिया मर्दन प्रसंग की सशक्त प्रस्तुति दी। अंत में उन्होंने चतुरंग में कृष्ण की नायिका के स्वरूप को प्रभावी रूप से पेश किया।
नम्रता राय, दिल्ली ने मुगल काल के दरबारी अंग को अपने विरले अंदाज में पेश किया। सबसे पहले उन्होंने गजल “दिल मेरा इस सलीक से जलता दिखाई दे” पर कथक के स्वर्णिम युग की आभा साकार की। पारंपरिक कथक के बाद उन्होंने जयदेव कृत गीत गोविंद के अष्टपदी से प्रिय चारुशीले पर बैठकी अंदाज में कथक नृत्य प्रस्तुत किया।
![31 Aug](http://www.upsna.ac.in/wp-content/uploads/2023/09/31-Aug.jpg)
![31 Aug (3)](http://www.upsna.ac.in/wp-content/uploads/2023/09/31-Aug-3.jpg)
![31 Aug (1)](http://www.upsna.ac.in/wp-content/uploads/2023/09/31-Aug-1.jpg)
![31 Aug (4)](http://www.upsna.ac.in/wp-content/uploads/2023/09/31-Aug-4.jpg)
![31 Aug (2)](http://www.upsna.ac.in/wp-content/uploads/2023/09/31-Aug-2.jpg)
![31 Aug (5)](http://www.upsna.ac.in/wp-content/uploads/2023/09/31-Aug-5.jpg)
01.09.2023
दो दिवसीय “नमन” कार्यक्रम की दूसरी संध्या में कथक केन्द्र की प्रशिक्षिका श्रुति शर्मा, के निर्देशन में कथक केन्द्र की छात्राओं ने “गोरी करत श्रंगार” और “तुम संग लागी मोरी नजरिया” पर सुंदर नृत्य किया।
इसके उपरान्त दिल्ली की शिंजनी कुलकर्णी ने एकल प्रस्तुति की शुरुआत शिव पार्वती वंदना “निरतत शंकर पार्वती संग” से की। पारंपरिक शुद्ध नृत्य के बाद उन्होंने पं.बिंदादीन महाराज रचित लोकप्रिय दादरा “बिहारी को अपने बस कर पाऊं” पर प्रभावी भावों का प्रदर्शन किया।
तत्पश्चात् वाराणसी के सौरव-गौरव मिश्र ने सबसे पहले “आदिशम्भु स्वरूप मुनिवर” पर नृत्य कर शिव स्तुति की। उसके उपरांत उन्होंने पारंपरिक कथक के अंतर्गत लखनवी और बनारसी बंदिशें सशक्त रूप में पेश की इसके बाद कथक नृत्यांगना डॉ.सुरभि शुक्ला के निर्देशन में “नायिका” नृत्य प्रस्तुति हुई। उसमें अष्ट नायिका के अंतर्गत वासकसज्जा, अभिसारिका, खंडिता, उतकंठिता, विप्रलब्धा, काल्हान्तरिता, प्रोषितपतिका और स्वाधीन पतिका का रूप ठुमरियों के माध्यम से प्रभावी रूप से पेश किया गया। उसमें ठुमरी “जिहि बनिता की सुघरता”, “मालती गुथाए”, “बैठी सोचे वृषभान”, “वही जाओ जाओ बालम”, “पलक मूंदि राखू मोरे सैया”, “लोचन रतनारे नयना कजरारे अष्टनायिका अठखेली कर रसिक मन रिझावत हैं” पर पेश सुंदर भाव प्रस्तुत किये।
इसी क्रम जयपुर से आईं देविका एस. मंगलामुखी ने कथक चर्चा और भाव की प्रस्तुति दी। उसमें उन्होंने पारंपरिक कथक के तहत तीन ताल की प्रस्तुतियां दी। थाट आमद के बाद उन्होंने कजरी “बरसो कारी बदरवा रूम झूम के” पर उन्होंने मनोहारी भाव दर्शाए।
![01 Sep](http://www.upsna.ac.in/wp-content/uploads/2023/09/01-Sep.jpg)
![01 Sep (2)](http://www.upsna.ac.in/wp-content/uploads/2023/09/01-Sep-2.jpg)
![01 Sep (1)](http://www.upsna.ac.in/wp-content/uploads/2023/09/01-Sep-1.jpg)
![01 Sep (3)](http://www.upsna.ac.in/wp-content/uploads/2023/09/01-Sep-3.jpg)
![01 (4)](http://www.upsna.ac.in/wp-content/uploads/2023/09/01-4.jpg)
![01 Sep (5)](http://www.upsna.ac.in/wp-content/uploads/2023/09/01-Sep-5.jpg)