नमन 2025-26
नमन कार्यक्रम 31 अगस्त, 2025
उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी एवं कथक केंद्र, लखनऊ द्वारा लखनऊ घराने की समृद्ध कथक परंपरा के सुविख्यात कथाकाचार्य पंडित लच्छू महाराज की स्मृति में दो दिवसीय पारंपरिक कथक नृत्य कार्यक्रम ‘‘नमन- परंपरा कथक की’’ का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि प्रोफेसर डॉ. मांडवी सिंह, कुलपति, भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ के अध्यक्ष प्रोफेसर जयंत खोत, उपाध्यक्ष श्रीमती विभा सिंह, प्रोफेसर साहित्य कुमार नाहर, पूर्व कुलपति, राजा मानसिंह तोमर संगीत विश्वविद्यालय, ग्वालियर एवं उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के निदेशक डॉ. शोभित कुमार नाहर जी द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। इसके बाद सभी अतिथियों द्वारा पंडित लच्छू महाराज जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन करते हुए कार्यक्रम का आगाज़ किया गया।
सर्वप्रथम कार्यक्रम का शुभारंभ कथक केंद्र, लखनऊ की रजनी वर्मा के निर्देशन में प्रशिक्षित छात्राओं द्वारा श्री गणेश वंदना की प्रस्तुति की गई। तदुपरान्त नीता जोशी जी के निर्देशन में कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से सभी दर्शकों का मन मोह लिया।
इसके बाद जयपुर घराने से जुड़ीं पुणे से आयीं साबेरी मिश्रा जी ने श्री विष्णु वंदना की प्रस्तुति दी और साथ ही जयपुर घराने की पारंपरिक कथक प्रस्तुति देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। साबेरी मिश्रा जी कथक नृत्य की प्रस्तुति में तबले पर विकास मिश्रा और सितार पर नवीन मिश्रा ने संगत की।
इस प्रस्तुति के उपरान्त नोएडा से पधारे लखनऊ घराने से संबंध रखने वाले जयकिशन महाराज एवं त्रिभुवन महाराज, ने पारंपरिक कथक नृत्य के साथ-साथ लखनऊ घराने की प्राचीन पारंपरिक कथक नृत्य प्रस्तुति से पूरे सदन का माहौल ही मनमोहक बना दिया। इनके साथ संगत पर राहुल विश्वकर्मा तबले पर, जयवर्धन दाधीच गायन पर और सारंगी पर आरिफ खान थे।
कार्यक्रम के अन्त में नई दिल्ली से आईं कलाकार पद्मश्री नलिनी-कमलिनी जी की युगल जोड़ी ने शिव स्तुति पेश करते हुए पूरे माहौल को भक्तिमय बना दिया। इसके साथ ही शुद्ध नृत्य, तीन ताल विलंबित लय और सावन प्रस्तुतियां देकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस दौरान तबले पर अकबर लतीफ खान, गायन नलिनी निगम, बांसुरी पर अतुल शंकर और वॉयलिन पर अफ़ज़ाल ज़हूर ने संगत की।
द्वितीय दिवस "नमन" कार्यक्रम - 01 सितम्बर, 2025
उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी एवं कथक केंद्र, लखनऊ द्वारा लखनऊ घराने की समृद्ध कथक परंपरा के सुविख्यात कथाकाचार्य पंडित लच्छू महाराज की स्मृति में दो दिवसीय पारंपरिक कथक नृत्य कार्यक्रम ‘नमन- परंपरा कथक की’ के आयोजन के अन्तर्गत द्वितीय दिवस दिनांक 01 सितम्बर, 2025 को आयोजित कार्यक्रम में कथक के तीनों घरानों लखनऊ घराना, बनारस घराना और जयपुर घराना का प्रतिनिधित्व किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ0 कुमकुम धर, अध्यक्ष, बिरजू महाराज कथक संस्थान, उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ के अध्यक्ष प्रोफेसर जयंत खोत, उपाध्यक्ष श्रीमती विभा सिंह, प्रोफेसर मांडवी सिंह, कुलपति, भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। इसके बाद सभी अतिथियों द्वारा पंडित लच्छू महाराज जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन करते हुए कार्यक्रम का आगाज़ किया गया।
सर्वप्रथम कथक केंद्र, लखनऊ द्वारा श्रुति शर्मा और नीता जोशी के निर्देशन में प्रशिक्षित कलाकारों द्वारा ‘श्री कृष्ण वंदन’ की प्रस्तुति के साथ किया गया, इसके पश्चात् श्रुति शर्मा के निर्देशन में बंदिश ‘‘बादल गरज नव घोर’’ की प्रस्तुति से कलाकारों ने मन मोह लिया। जिसमें संगतकर्ता के रूप में गायन कमलाकांत, तबले पर राजीव शुक्ला एवं पार्थ प्रतिम मुखर्जी, सारंगी पर अर्चना, बाँसुरी पर दीपेंद्र कुंवर और सितार पर नवीन मिश्र ने अपना योगदान दिया।
कार्यक्रम की दूसरी प्रस्तुति लखनऊ घराने से जुड़ीं नई दिल्ली से आयीं शिंजिनी कुलकर्णी ने शिव वंदना एवं लक्ष्य शीर्षक से अपनी प्रस्तुति दी और साथ ही लखनऊ घराने की पारंपरिक कथक प्रस्तुति देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। शिंजिनी कुलकर्णी जी के कथक नृत्य की प्रस्तुति में तबले पर योगेश गंगानी, सारंगी पर गुलाम अली, गायन पर समीउल्लाह और सितार पर नीरज मिश्रा ने संगत की।
तीसरी प्रस्तुति नई दिल्ली से आये और जयपुर घराने से संबंध रखने वाले राजेंद्र गंगानी ने पारंपरिक शुद्ध नृत्य के साथ-साथ जयपुर घराने की प्राचीन पारंपरिक कथक नृत्य प्रस्तुति से पूरे सदन का माहौल ही मनमोहक बना दिया। इनके साथ संगत में तबले पर फतेह सिंह गंगानी एवं योगेश गंगानी, गायन पर समीउल्लाह खान, सितार पर नवीन मिश्रा थे।
कार्यक्रम के अन्त में वाराणसी से पधारे कलाकार माता प्रसाद मिश्रा एवं रवि शंकर मिश्रा जी की युगल जोड़ी की प्रस्तुतियों ने उपस्थित सभी दर्शकों का मनमोह लिया। उनके साथ संगत में तबले पर उदय शंकर मिश्रा, गायन एवं हारमोनियम पर सागर मिश्रा, सितार पर नीरज मिश्रा एवं पखावज पर राम कुमार मिश्रा ने संगत की।