नागरिक चार्टर

उद्‌देश्य

  • उत्तर प्रदेश राज्य में संगीत , नृत्य एवं नाटक कला को समन्वित करना और विकास करना |
  • संगीत, नृत्य और नाटक के क्षेत्र में शोध-कार्य को प्रोन्नत करना तथा उसे प्रोत्साहन देना और इस प्रयोजन के लिए पुस्तकों, टेपों, अभिलेखों का पुस्तकालय, संग्रहालय स्थापित करना तथा इसी प्रकार के अन्य कार्य करना |
  • अपने उद्देश्यों को बढ़ावा देने और सामान्यत: भारतीय संस्कृति की अभिवृद्धि करने के लिये संगीत, नृत्य तथा नाटक के क्षेत्र में प्रचलित प्रविधियों और परम्पराओं के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के विचार से भारत के और विदेशों के इसी प्रकार के एसोसियेशनों तथा संस्थाओं से सहयोग करना ।
  • संगीत, नृत्य तथा नाट्यकला में उच्च प्रशिक्षण देने, जिसके अन्तर्गत अभिनेता-प्रशिक्षण, मंचकला, नाटक प्रस्तुत करना और इसी प्रकार के अन्य कार्य के बारे में प्रशिक्षण देना भी सम्मिलित है, के लिये संस्थायें स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन देना ।
  • संगीत, नृत्य तथा नाटक कला से संबंधित सामग्री तथा साहित्य प्रकाशित करना ।
  • संगीत, नृत्य तथा नाटक से संबंधित कार्यकलाप आयोजित करना और उन्हें प्रोत्साहन देना ।
  • उत्तर प्रदेश राज्य के विभिन्न भागों में लोक संगीत, लोकनृत्य और लोकनाटक का संरक्षण करना और उन्हें पुनर्जीवित करना तथा सामुदायिक और युद्ध-संगीत का विकास तीर्व गति से करना ।
  • कलाकारों, कला-समालोचकों और कला-प्रेमियों को संगीत, नृत्य तथा नाटक के क्षेत्र में उनकी प्रमुख उपलब्धियों के लिए पुरस्कार देना और सम्मान प्रदान करना मान्यता देना और आर्थिक सहायता देना ।
  • संगीत, नृत्य तथा नाट्यकला का प्रशिक्षण देने वाली संस्थायों को उनके द्वारा बनाये गए विनियमों के अनुसार प्रशिक्षण-संस्थायों से सहसंबंद्ध करना और ऐसी संस्था को संगीत नाटक अकादमी का सहसंबंद्ध महाविध्यालय (कालेज) कहा जायेगा ।
  • संगीत, नृत्य तथा नाटक-कला में उपाधियां (डिग्रिया) और डिप्लोमा प्रदान करना ।
  • संगीत, नृत्य तथा नाटक के क्षेत्र में शिक्षा के मानक (स्टैंडर्ड) विहित करना, और उपाधियां (डिग्रिया) तथा डिप्लोमा प्रदान करने के लिए परीक्षा का संचालन करना ।
  • थियेटरों, कन्सर्ट हॉलो और दर्शक-कक्षों (ऑडिटोरियम) का निर्माण करना, उन्हें सज्जित करना और उनका अनुरक्षण करना और थियेटरों, कन्सर्ट हॉलो और दर्शक-कक्षों का निर्माण करने तथा उन्हें सज्जित करने के लिये मान्यता प्राप्त संस्थाओं को अनुदान देना ।
  • उत्तर प्रदेश के ऐसे सम्बद्ध महाविद्यालयों तथा अन्य संस्थाओं या संगठनों को,जो संगीत, नृत्य और नाटक के क्षेत्र में कार्य कर रहे हो, संगीत नाटक अकादमी द्वारा बनाये गये विनियमों के अनुसार मान्यता देना/ या वित्तीय सहायता प्रदान करना ।
  • शिक्षण, परीक्षा तथा संबद्धीकरण के लिये फीस लेना और विभिन्न स्रोतो से निधियां एकत्र करना ।
  • ऐसी निधि का रखरखाव रखना जिसमें निम्नलिखित स्रोतों से प्राप्त धनराशियां जमा की जायेगी :-
    1. केन्द्रीय तथा राज्य सरकारों से प्राप्त सम्पूर्ण धन;
    2. किसी अन्य रीति या किसी अन्य स्रोत से प्राप्त सम्पूर्ण धन;
  • अपने उद्देश्यों को बढ़ावा देने के लिए भूमि क्रय करना, सम्पत्ति को उसके विभिन्न रूप में अपने स्वामित्व में लेना, उसे अनुरक्षित करना, बेचना, बंधक रखना या अन्य प्रकार से निस्तारित करना |
  • ऐसी सभी कार्य और बातें करना जो संगीत नाटक अकादमी के उद्देश्य को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक हो |